________________ 129 130 130 134 एकोनसप्ततिस्थानक समवाय समयक्षेत्र में वर्ष और वर्षधर पर्वत, मंदर पर्वत का अन्तर, कर्म-प्रकृतियाँ। सप्ततिस्थानक समवाय श्रमण भ. महावीर का वर्षावास, पावं जिन की श्रमण पर्याय, वासुपूज्य, जिन की अवगाहना, मोहनीय कर्म की स्थिति, माहेन्द्र देवराज के सामानिक देव / एकसप्ततिस्थानक ममवाय चन्द्रमा का अयन-परिवर्तन, दीर्यप्रवाद पूर्व के प्राभत, अजित जिन का गृहवासकाल, सगर चक्रवर्ती का गहवासकाल और श्रामण्य / द्विसप्ततिस्थानक समवाय सुपर्णकुमारों के आवास, लवणसमुद्र की वेला का धारण, महावीर जिन का आयुष्य, आभ्यन्तर पुष्करार्ध में चन्द्र-सूर्य, बहत्तर कलाएँ, खेचरों की स्थिति। त्रिसप्ततिस्थानक समवाय हरिवास-रम्यकवास की जीवाएँ, विजय बलदेव की सिद्धि / चतुःसप्ततिस्थानक समवाय अग्निभूति की आयु, सीतोदा तथा सीता महानदी, नारकावाम / पञ्चसप्ततिस्थानक समवाय सुविधि जिन के केवली, शीतल और शान्तिनाथ का गृहवाम / षटसप्ततिस्थानक समवाय विद्युत्कुमार आदि भवनपतियों का आवास / सप्तसप्ततिस्थानक समवाय भरत चक्रवर्ती, अंगवंश के राजाओं की प्रव्रज्या, गर्दतोय तुषित लोकान्तिकों का परिहार, मुहर्त का परिमाण / अष्ट्सप्ततिस्थानक समवाय वैश्रमण लोकपाल, स्थविर अकंपित, सूर्य-संचार से दिन रात्रि के वृद्धि-हास का नियम / एकोनाशीतिस्थानक समवाय रत्नप्रभा पृथ्वी से वलयामुख पाताल का तथा अन्य पातालों का अन्तर, छठी पृथ्वी और घनोदधि का अन्तर, जम्बूद्वीप के एक द्वार से दूसरे द्वार का अन्तर / अशीतिस्थानक समवाय श्रेयांस जिन की अवगाहना, त्रिपृष्ठ वासुदेव की अवगाहना, अचल बलदेव की अवगाहना, त्रिपृष्ठ वासुदेव का राजकाल, अप-बहुल काण्ड की मोटाई, ईशानेन्द्र के सामानिक देव, जम्बूद्वीप में प्रथम मंडल में सूर्योदय / [ 117 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org