Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 367
________________ [समवायाङ्गसूत्र सत्थपरिणा लोगविजयो सप्पी जहा अंडउड सयंजले सयए य सब्वेसि पि जिणाण साहारणट्ठा जे केई सिद्धत्थे पुण्णघोसे य सिरिचंदे पुप्फकेऊ सिस्संमि चे पहणइ सीमा सुदंसणा सुप्पभा सीसावेढेण जे केई 23,73 सीहरहे मेहरहे 86 सुदरबाहु तह दोहबाहू 225 सुग्गोवे दढरहे 230 सुजसा सुव्वय अइरा 86 सुपासे सुव्वए अरहा 241 सुभे य सुभघोसे य 241 सुमंगले य सिद्धत्थे 85 सूरसेणे य अरहा 227 सूरे सुदंसणे कुभे 85 सेणिय सुपास उदए 227 227 226 226 241 21 241 241 226 239 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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