Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ [समवायाङ्गसूत्र 248] 227,241 238 225,226 239 233,239 241 mmmm 1 225 239 241 232,233 225 239 236 236,240 ال 229 क्षेमंकर क्षेमंधर गुप्तिसेन गूढदन्त गोस्तूप गंगदत्त चक्ररथ चन्दना चन्द्रकान्ता चन्द्रप्रभ चन्द्रयशा चन्द्रानन चमर चक्षुष्कान्ता चक्षुष्मान चार चित्रगुप्त चुल्लिनी जय जयन्त जयन्ती जया जरासन्ध जितशत्रु जितारि जिनवृषभ ज्वाला तारक तारा तिलक त्रिपृष्ठ त्रिशलादेवी दत्त दशधनु दशरथ दीर्घदन्त 238 दीर्घबाह 238 दृढधनु 238 दृढ रथ 240 दृढायु 231 देवकी 236,236 देवपुत्र देवशम देवश्रुत देवानन्द 69,153,161,227 देवी देवोपपात 238 द्रमसेन 52.231 द्विपृष्ठ द्वीपायन 225 धन 231 धनदत्त 239 धर 232 धरणी 229,232 धरणीधरा 240 धर्म धर्मध्वज धर्मसिंह धर्मसेन धारिणी 226 नन्दन नन्दमित्र नन्दा नन्दिसेन नमि 139,142,236, 240 नरपति 226 नाभि 227,229,231,232,236,338 नारद 238 नारायण 225,233 निक्षिप्तशस्त्र निर्भय 226,238 231 231 69,114,227 241 227,229 236 Gww. ir rrrrrrr innan "mmmm 159 mm 239,241 227,236,240 238 226 238 46.69,107,108,225,226 232 225,226 239 Mmmm 240 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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