Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 365
________________ परिशिष्ट (1) ग्रन्थगतगाथानुक्रमणिका 239 226 231 231 85 ट 33 230 232 अकुमारभूए जे केई अळंतकडा रामा प्रणागयस्स नयवं अणियाणकडा रामा अणंतरा य पहारे अण्णाणया अलोभे प्रतवस्सी य जे केई अतिपासं च सुपासं अत्थे य सूरियावत्ते अदीणसत्तु संखे अपस्समाणो पासामि अप्पणो अहिए बाले अबहुस्सुए य जे केई प्रबंभयारी जे केई अभयकर णिव्वुइकरा अममे णिक्कसाए य अयले विजए भद्दे अरुणप्पभ चंदप्पभ असिपत्ते धणुकुभे असंजलं जिणवसहं अस्सग्गोवे तारए आणय-पाणय कप्पे पायरिय-उवज्झाएहिं आयरिय-उवझायाणं आलोयण निरवलावे आसीयं बत्तीसं अट्ठावीस अंबड दारुमडे य अंबे अंबरिसी चेव इड्ढी जुई जसो वण्णो 85 ईसरेण अदुवा गामेण 227 ईसादोसेण प्राविट्ठे 85 उक्खित्तणाए संघाडे 237 उदए पेढालपुत्ते य 216 उदितोदितकुलवंसा 93 उदितोदितकुलवंसा उदितोदितकुलवंसा 238 उवगसंतं पि झंपित्ता 50 उवट्टियं पडिविरयं 227 उवही-सुअ-भत्तपाणे 87 उसभस्स पढमभिक्खा 86 उसभे सुमित्त विजए 86 एए खलु पडिसत्तू 86 एए खलु पडिसत्तू 227 एए धम्मायरिया 239 एए वुत्ता चउव्वीसं 236 एए वुत्ता चउव्वीसं 227 एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु 46 एक्को य सत्तमीसु 238 एयाई नामाई 237 किइकम्मस्स य करणे 201 किण्हसिरी सूरसिरी 86 गावि जुवे संगामे 86 गूढायारी निगूहिज्जा 93 घंसेइ जो अभूएण 201 चंदजसा चंदकता 239 चंदाणणं सुचंद 46 चंपग बउले य तहा 87 चउवीसई मुहुत्ता 249 236 201 237 236 له سه McCGM ر 230 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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