________________ "40 एकाशीतिस्थानक समवाय भिक्षुप्रतिमा, कुन्थु जिन के मनःपर्यवज्ञानी, व्याख्याप्रज्ञप्ति के महायुग्मशत / द्वि-अशीतिस्थानक समवाय सूर्य-संचार, भ. महावीर का गर्भापहरण, महाहिमवन्त एवं रुक्मि पर्वत के सौगंधिक काण्ड का अन्तर / त्रि-प्रशीतिस्थानक समवाय भ. महावीर का गर्भापहार, शीतल जिन के गण और गणधर, स्थ. मंडितपुत्र का आयुष्य, ऋषभ का गृहवासकाल, भरत राजा का गहस्थकाल / चतुरशीतिस्थानक समवाय नारकावास, ऋषभ जिन का आयुष्य, भरत, बाहुबली, ब्राह्मी और सुन्दरी का प्रायुष्य, श्रेयांस जिन का प्रायु, त्रिपृष्ठ वासुदेव का नरक में उत्पाद, देवेन्द्र शक के सामानिक देव, जम्बूद्वीप के बाहर के मंदिरों और अंजनक पर्वतों की ऊंचाई, हरिवषं एवं रम्यक वर्ष की जीवाओं के धनुः पृष्ठ का परिक्षेप, पंकबहल काण्ड के चरमान्तों का अन्तर, व्याख्याप्रज्ञप्ति के पद, नागकुमारावास, प्रकीर्णक, जीवयोनियाँ, पूर्वादि संख्याओं का गुणाकार, ऋषभ जिन को श्रमणसम्पदा, विमानावास। पञ्चाशीतिस्थानक समवाय आचारांग के उद्देशनकाल, धातकीखंड के मंदर रुचकद्वीप के माण्डलिक पर्वतों की ऊंचाई, मन्दनवन / षडशीतिस्थानक समवाय सुविधि जिन के गण और गणधर, सुपार्श्व जिन की बादी-सम्पदा, दूसरी पृथ्वी से घनोदधि का अन्तर। सप्ताशीतिस्थानक समवाय मन्दर पर्वत, कर्मप्रकृति, महाहिमवन्तपर्वत एवं सोगंधिक कूट का अन्तर / अष्टाशीतिस्थानक समवाय सूर्य-चन्द्र के महाग्रह, दृष्टिवाद के सूत्र, मन्दर एवं गोस्तुभ पर्वत का अन्तर, सूर्यसंचार से दिवस-रात्रिक्षेत्र का वृद्धि-हास / एकोनमवतिस्थानक समवाय ऋषभ जिन का सिद्धिकाल, महावीर जिन का निर्वाणकाल, हरिषेण चक्रवर्ती का राजकाल, शान्ति जिन की आर्याएँ / नवतिस्थानक समवाय शीतलनाथ की अवगाहना, स्वयंभू वासुदेव का विजयकाल, वैतादय पर्वत और सौगंधिक काण्ड का अन्तर / 144 145 146 149 149 [ 118 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org