Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Hiralal Shastri
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 348
________________ अतीत-अनागतकालिक महापुरुष] [227 16. अचिरा, 17. श्री, 18. देवी, 19. प्रभावती, 20. पद्मा, 21. वप्रा, 22. शिवा, 23. वामा और 24. त्रिशला देवी / ये चौबीस जिन-माताएं हैं / / 9-10 // ६३५-जंबद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे प्रोसप्पिणीए चउवीसं तित्थगरा होत्था। तं जहा.---उसभे 1, अजिये 2, संभवे 3, अभिणंदणे 4, सुमई 5, पउमप्यहे 6, सुपासे 7, चंदप्पभे 8, सुविहि-पुप्फदंते 9, सीयले 10, सिज्जंसे 11, वासुपुज्जे 12, विमले 13, अणते 14, धम्मे 15, संती 16, कु) 17, अरे 18, मल्ली 19, मुणिसुव्वए 20, णमो 21, मी 22, पासे 23, वड्डमाणो 24 य। इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में इस अवसर्पिणी काल में चौवीस तीर्थंकर हुए। जैसे१. ऋषभ, 2. अजित, 3. संभव, 4. अभिनन्दन, 5. सुमति, 6. पद्मप्रभ, 7. सुपार्श्व, 8. चन्द्रप्रभ, 9. सुविधि-पुष्पदन्त, 10. शीतल, 11. श्रेयान्स, 12. वासुपूज्य, 13. विमल, 14. अनन्त, 15. धर्म 16. शान्ति, 17. कुन्थु, 18. अर, 19. मल्ली, 20. मुनिसुव्रत, 21. नमि, 22. नेमि 23. पार्श्व और 24. वर्धमान / ६३६–एएसि चउवोसाए तित्थगराणं चउन्बीसं पुटवभवया णामधेया होत्था / तं जहा पढमेत्य वइरणाभे विमले तह विमलवाहणे चेव / तत्तो य धम्मसीहे सुमित्त तह धम्ममित्ते य // 11 // सुदरबाहु तह दोहबाहू जुगबाहू लट्ठबाहू य / दिण्णे य इंददत्ते सुदर माहिदरे चेव // 12 // सोहरहे मेहरहे रुप्पी अ सुदंसणे य बोद्धव्वे / तत्तो य णंदणे खलु सोहगिरी चेव वीसइमे // 13 // अदीणसत्तु संखे सुदंसणे नंदणे य बोद्धव्वे / [इमीसे] अोसप्पिणीए एए तिस्थकराणं तु पुन्वभवा // 14 // इन चौवीस तीर्थंकरों के पूर्वभव के चौवीस नाम थे / जैसे 1. उनमें प्रथम नाम वज्रनाभ, 2. विमल, 3. विमलवाहन, 4. धर्मसिंह, 5. सुमित्र, 6. धर्ममित्र, 7. सुन्दरबाहु, 8. दीर्घबाहु, 9. युगबाहु, 10. लष्ठबाहु, 11. दत्त, 12. इन्द्रदत्त, 13. सुन्दर, 14. माहेन्द्र, 15. सिंहरथ, 16. मेघरथ, 17. रुक्मी, 18. सुदर्शन, 19. नन्दन, 20. सिंहगिरि, 21. अदीनशत्रु, 22. शंख. 23. सुदर्शन और 24. नन्दन / ये इसी अवसर्पिणी के तीर्थंकरों के पूर्वभव के नाम जानना चाहिए / / 11-14 / / 637 -एएसि चउन्वीसाए तित्थकराणं चउब्दीसं सीयानो होत्था / तं जहा-. सीया सुदंसणा' सुप्पभा' य सिद्धाथ सुप्पसिद्धा' य। विजया' य वेजयंती जयंती अपराजिआ चेव // 15 // अरुणपभ चंदप्पभ० सूरप्पह'' अग्गि'२ सुप्पभा' चेव / विमला 4 य पंचवण्णा' 5 सागरदत्ता'६ णागदत्ता" य // 16 // अभयकर 8 णिन्वुइकरामणोरमा तह मणोहरा चेव / देवकुरू२२ उत्तराकुरा२३ विसाल चंदप्पभा२४ सीया // 17 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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