Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan

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Page 21
________________ વિધ્યર્થ शंसेव शंसेतम् शंसेताम् शंसेम शंसेत शंसेयुः शंसतु આજ્ઞાર્થ शंसानि शंसाव शंसाम शंसेयम् शंस शंसतम् शंसत शंसे: शंसताम् शंसन्तु शंसेत् नि + सद् [ निषीद् ] - मेस વર્તમાનકાળ निषीदामि निषीदावः निषीदामः न्यषीदम् निषीदसि निषीदथः निषीदथ न्यषीद: निषीदति निषीदत: निषीदन्ति न्यषीदत આજ્ઞાર્થ निषीदानि निषीदाव निषीदाम निषीदेयम् निषीद निषीदतम् निषीदत निषीदेः निषीदतु निषीदताम् निषीदन्तु / निषीदेत् हृ-६२५ र, योरी रवी વર્તમાનકાળ) हरामि हराव: हरामः अहरम् हरसि हरथः हरथ अहर: हरति हरत: हरन्ति अहरत् सोधसंung पाली13- मम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म હતના ભૂતકાળ न्यषीदाव न्यषीदाम न्यषीदतम् न्यषीदत न्यषीदताम् न्यषीदन् વિધ્યર્થ निषीदेव निषीदेम निषीदेतम् निषीदेत निषीदताम् निषीदेयुः હસ્તન ભૂતકાળ अहराव अहराम अहरतम् अहरत अहरताम् अहरन 13 - - - - - - - - - - - - - - - -

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