Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan

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Page 56
________________ यस्व तर्पयेथाम तपयध्वम | तर्पयेथाः तर्पयेयाथाम् तर्पयेध्वम् तर्पयताम् तर्पयेताम् तर्पयन्ताम् | तर्पयेत तर्पयेयाताम् तर्पयेरन् अव + धीर् - तीर२।२ 5रवो વર્તમાનકાળ હસ્તન ભૂતકાળ अवधीरये अवधीरयावहे अवधीरयामहे | अवाधीरये अवाधीरयावहि अवाधीरयामहि अवधीरयसे अवधीरयेथे अवधीरयध्ये अवाधीरयथा: अवाधीरयेथाम् अवाधीरयध्वम् अवधीरयते अवधीरयेते अवधीरयन्ते अवाधीरयत अवाधीरयेताम् अवाधीरयन्त આજ્ઞાર્થ विध्यर्थ अवधीरयै अवधीरयावहै अवधीरयामहै अवधीरयेय अवधीरयेवहि अवधीरयेमहि अवधीरयस्व अवधीरयेथाम् अवधीरयध्वम् अवधीरयेथाः अवधीरयेयाथाम् अवधीरयेध्वम् अवधीरयताम् अवधीरयेताम् अवधीरयन्ताम् अवधीरयेत अवधीरयेयाताम् अवधीरयेरन् भिद् - j, Isg વર્તમાનકાળ. હસ્તના ભૂતકાળ भेदये भेदयावहे भेदयामहे अभेदये अभेदयावहि अभेदयामहि भेदयसे भेदयेथे भेदयध्ये अभेदयथा: अभेदयेथाम् अभेदयध्वम् भेदयते भेदयन्ते अभेदयत अभेदयेताम् अभेदयन्त આજ્ઞાર્થ વિધ્યર્થ भेदयै भेदयावहै भेदयामहै भेदयेय भेदयेवहि भेदयेमहि 48 सुनोध संaqa uld पापली II भेदयेते

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