Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan

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Page 87
________________ વર્તમાન કૃદંત કર્તરિ | કર્મણિ વિધ્યર્થ કૃદંતા भए। હેત્વર્થ સંબંધક ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત नाटित नाटयितुम् नाटयत्-मान| नाट्यमान | नाटयितव्य,नाटनीय,नाट्य नाटयित्वा निन्दत निन्द्यमान | निन्दितव्य,निन्दनीय,निन्ध निन्दित निन्दितुम् नीत नयत्-मान नृत्यत् | नीयमान | नेतव्य,नयनीय,नेय नृत्यमान | नर्तितव्य,नर्तनीय,नृत्य नेतुम् नर्तितुम् पक्व पचत्-मान | पच्यमान पठ्यमान | पक्तव्य,पचनीय,पाक्य पठितव्य,पठनीय,पाठ्य पक्तुम् पठितुम् निन्दित्वा (विनिन्य) नीत्या (प्रणीय नर्तित्वा (प्रणत्य) पक्त्वा(विपच्य) पठित्वा (प्रपठ्य) पतित्वा (निपत्य) उत्पध पठत् पठित पतत् पत्यमान | पतितव्य,पतनीय,पात्य पतित पतितुम् उत्पधमान उत्पद्यमान | उत्पत्तव्य,उत्पदनीय,उत्पाद्य उत्पन्न उत्पन्तुम् पिबत् पीत पातुम् पीत्वा (निपीय पीयमान | पातव्य,पानीय,पेय સુબોધ સંત ધાતુ શાહી ભાગ-૧

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