Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ વર્તમાન કૃદંત तरि | श વિધ્યર્થ કૃદંતા मन्यमान मन्यमान मन्तव्य,मननीय,मान्य કર્મણિ | હેત્વર્થ 1 સંબંધક ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત मत मत्या,मनित्या (अनुमत्य) निमन्त्रित निमन्त्रयितुम् निमन्त्र्य मन्तुम् मार्गित मार्गयितुम् |मार्गयित्वा निमन्त्रय- | निमन्त्र्यमाण निमन्त्रयितव्य,निमन्त्रणीय,निमन्त्र्य माण मार्गयत- माय॑माण | मार्गयितव्य, मार्गणीय,मार्ग्य माण मुञ्चत् | मुच्यमान मोक्तव्य,मोचनीय,मोच्य मान मोदमान | मुद्यमान | मोदितव्य,मोदनीय,मोद्य मुक्त | मोक्तुम् मुक्त्वा मुदित,मोदित मोदितुम् मुह्यत् मुह्यमान मोहितव्य,मोग्धव्य,मोढव्य,मोहनीय,मोह्य मुग्ध,मूढ मोहितुम्, मोग्धुम, | मुदित्वा, मोदित्वा (संमुद्य) मुग्ध्वा,मूदवा मुहित्या, मोहित्वा (विमुच्य) मोदुम् - - - - - - - - - - - - - - - - - - सुलोध संस्कृत धातु पापली ना

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