Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ વર્તમાન કૃદંત વિધ્યર્થ કૃદંતા કર્તરિ | કર્મણિ शाम्यत् [शम्यमान | शमितव्य,शमनीय,शम्य शिक्षमाण | शिक्ष्यमाण | शिक्षितव्य,शिक्षणीय,शिक्ष्य शोचत् शुच्यमान | शोचितव्य,शोचनीय,शोच्य કર્મણિ | હેત્વર્થT સંબંધક ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંતા शान्त शमितुम् शान्त्वा, शमित्या, (निशम्य) शिक्षित | शिक्षितुम् |शिक्षित्वा (प्रशिक्ष्य) शुचित, | शोचितुम् शुचित्वा, शोचित | शोचित्या (परिशुच्य) शोभितुम् शुभित्वा, शोभित | शोभित्वा | (प्रशुभ्य) शुष्क | शोष्टुम् शुष्ट्वा (परिशुष्य) अमितुम् | श्रमित्वा,श्रान्त्वा (विश्रम्य) EGGLE शोभमान | शुभ्यमान | शोभितव्य,शोभनीय,शोभ्य शुभित, शुष्यत् |शष्यमाण | शोष्टव्य.शोषणीय,शोष्य श्राम्यत |श्रम्यमाण | श्रमितव्य,श्रमणीय,श्रम्य श्रान्त - - - - - - - - - - - - - - - - - - म नोवसंत धातु ३पावली ला - - - - - - - - - - - - ---

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