Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
View full book text
________________ વર્તમાન કૃદંતા se | fe વિધ્યર્થ કૃદંત હેત્વર્થ | સંબંધક ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત अवधीरयत् |अवधीर्यमाण अवधीरयितव्य,अवधीरणीय,अवधीर्य अवधीरित | अवधीरयितुम् अवधीर्य धरत्-माण |ध्रियमाण | धर्तव्य,धरणीय,धार्य धृत धृत्वा (विधृत्य) | धार्यमाण धारयितव्य,धारणीय,धार्य धारयत्माण ध्वंसमान | ध्वस्यमान ध्वंसितव्य,ध्वंसनीय,ध्वंस्य धारित धारयितुम् धारयित्वा (संधार्य) ध्वस्त ध्वंसितुम् ध्वंसित्वा,ध्वस्त्वा (विध्वस्य) अभिनन्दित | अभिनन्दितुम् | अभिनन्य नमत् नम्यमान नन्तव्य,नमनीय,नम्य नत नन्तुम् नत्या(विनम्य, विनत्य) नशित्वा, नष्ट्वा,नंष्ट्रवा नश्यत् नश्यमान नशितव्य,नंष्टव्य,नशनीय,नाश्य नष्ट(प्रणष्ट)] नशितुम्, नंष्टुम् ઋસુબોધ સંરફત ધાતુ કપાવલી ભાગ-૧ - - - - - - - -

Page Navigation
1 ... 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116