Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
View full book text
________________ કર્મણિ | હેત્વર્થ ! સંબંધક ભૂતકૃદંત ભૂતકૃદંત | ભૂતકૃદંત चरित चरितुम्न रित्वा वलित चलितुम् चांग: 1 चिन्तित चिन्तयितुम् | चिन्तयित्वा चलत् વર્તમાન કૃદંત વિધ્યર્થ કૃદંત કર્તરિ | કર્મણિ घरत् चर्यमाण | चरितव्य,चरणीय,चर्य (आचार्य) चल्यमान चलितव्य,चलनीय,चल्य चिन्तयत्- चिन्तामान | चिन्तयितव्य,चिन्तनीय,चिन्त्य मान चोरयत्- चोर्यमाण |चोरयितव्य,चोरणीय,चोर्य मान जायमान |जन्यमान, I जनितव्य,जननीय.जन्य जायमान जल्पत् जल्प्यमान | तव्य,जल्पनीय,जल्प्य जयत् जीयमान जतव्य जानीय,जेय विजयमान |विजीयमान | विजेतव्य.नीय,विजेय चोरित चोरयितुम् |चोरयित्वा जात जनितुम् जल्पित जनित्वा (संजन्य,संजाय) जल्पित्वा जित्या विजित्य जल्पितुम् जेतुम् विजेतुम् जित विजित जीवत जीव्यमान डीयमान | जीवितव्य,जीवनीय,जीव्य डयितव्य,डयनीय,डेय जोक्ति डयित जीवितुम् डयितुम् जीवित्वा डयित्वा(डड्डीय) डयमान - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - ક્રબોધ સંત ધાતુ અપાવલી ભાગ - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -

Page Navigation
1 ... 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116