Book Title: Subodh Sanskrit Dhatu Rupavali Part 01
Author(s): Rajesh Jain
Publisher: Tattvatrai Prakashan
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________________ संलक्षयसि संलक्षयथ: संलक्षयथ समलक्षयः समलक्षयतम् समलक्षयत संलक्षयति संलक्षयत: संलक्षयन्ति समलक्षयत् समलक्षयताम् समलक्षयन् આજ્ઞાર્થ વિધ્યર્થ संलक्षयाणि संलक्षयाव संलक्षयाम संलक्षयेयम् संलक्षयेव संलक्षयेम . संलक्षय संलक्षयतम् संलक्षयत संलक्षय: संलक्षयेतम् संलक्षयेत: संलक्षयतु संलक्षयताम् संलक्षयन्तु / संलक्षयेत् संलक्षयेताम् संलक्षयेयु: . नि + सूद् [निषूद् ]- नाश 5रव) વર્તમાનકાળ હસ્તન ભૂતકાળ निषूदयामि निषूदयाव: निषूदयाम: न्यषूदयम् न्यषूदयांव न्यषूदयाम निषूदयसि निषूदयथ: निषूदयथ न्यषूदय: न्यषूदयतम् न्यषूदयत निषूदयति निषूदयतः निषूदयन्ति न्यषूदयत् न्यषूदयताम् न्यषूदयन् याज्ञार्थ વિધ્યર્થ नषूदयानि निषूदयाव निषूदयाम निषूदयेयम् निषूदयेव निषूदयेम निषूदयतम् निषूदयत निषूदये: निषूदयेतम् निषूदयेत नेषूदयतु निषूदयताम् निषूदयन्तु | निषूदयेत् निषूदयेताम् निषूदयेयुः स्पृह - मg, तृष्या राजवी વર્તમાનકાળ હસ્તન ભૂતકાળ स्पृहयावः स्पृहयाम: अस्पृहयम् अस्पृहयाव अस्पृहयाम REGोध संस्कृतधातुपावली 10- 15 म्म्म्म्म्म्म म्म नेषूदय सहयामि

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