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46 : श्रमण, वर्ष 66, अंक 4, अक्टूबर-दिसम्बर, 2015 इस कार्यशाला में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी एवं पं० दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर से कुल ३२ प्रतिभागी सम्मिलित हुए। ३. विदेशी विद्वान पार्श्वनाथ विद्यापीठ में जैन धर्म एवं दर्शन की अध्येता रीटा क्लेयर वेल्ज, वेल्जियम और एल्मास नासी मेल्टम, टर्की का आगमन १७-१२-२०१५ को पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रांगण में हुआ। अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान उन्होंने विभिन्न ग्रन्थों का अध्ययन किया तथा कुछ महत्त्वपूर्ण विषयों पर डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, संयुक्त निदेशक, पार्श्वनाथ विद्यापीठ से वृहद् चर्चा की। साथ ही वाराणसी के प्रमुख जैन संस्थानों तथा मन्दिरों का भी भ्रमण किया। २१-१२-२०१५ को वे लोग वापस प्रस्थान कर गयीं।
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जैन जगत् डॉ० तारा डागा को श्री गणेश ललवानी सम्मान प्राकृत भारती अकादमी के प्राकृत विभाग की संयोजिका डॉ० तारा डागा को जैन साहित्य एवं प्राकृत-अपभ्रंश जैसी प्राच्य भाषाओं के अध्यापन एवं शोध कार्य में संलग्न रहने हेत् कलकत्ता विचार मंच द्वारा श्री गणेश ललवानी सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें दिनांक २० दिसम्बर २०१५ को कलकत्ता में ज्ञान मंत्र सभागार में आयोजित एक सादे समारोह में प्रदान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि थे महामहिम राज्यपाल, त्रिपुरा श्री तथागतराय। सम्मान के रूप में मेडल के साथ ३१०००/- रुपये की धनराशि भी प्रदान की गई।
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