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हिन्दी अनुवाद :
वह अत्यन्त क्षुब्ध हो गया और समरकेतु के प्रति द्वेष रखने लगा कि उसने महाजनों के बीच में हमें नीचा क्यों दिखाया। गाहा :
एवं विचिंतयंतो अइगुरु-रोसेण धमधमंतो सो।
अत्थाण-मंडवाओ नीहरिओ चिंतए एवं ।।२४।। संस्कृत छाया :
एवं विचिन्तयन्नतिगुरुरोषेण धमधमन् सः ।
आस्थानमण्डपाद् निःसृतश्चिन्तयत्येवम् ।।२४।। गुजराती अनुवाद :
आ प्रमाणे चिंतन करतो अत्यन्त गुठसाथी धमधमतो ते सयामां थी नीकल्या अने आ प्रमाणे विचारवा लाग्यो। हिन्दी अनुवाद :
इस प्रकार विचार करता हुआ अत्यन्त क्रोध में वह धमधमाता हुआ सभा से बाहर निकल गया और विचार करने लगा। गाहा :
न य केणइ पुव्वमहं पराइओ वाइणा इहं लोए।
पावेण इमेण पुणो सभाए मज्झम्मि कह विजिओ? ।।२५।। संस्कृत छाया :
न च केनापि पूर्वमहं पराजितो वादिनेह लोके ।
पापेनाऽनेन पुनः सभायां मध्ये कथं विजितः? ।।२५।। गुजराती अनुवाद :
पहेलां क्यारे पण हुं कोई पण वादी वड़े पराजित नथी थयो, ज्यारे आ पापीओ मने सयामां केवी रीते हरावी दीधो? हिन्दी अनुवाद :
__ इसके पहले कभी भी मैं किसी वादी से पराजित नहीं हुआ था जबकि इस पापी ने भरी सभा में किस प्रकार मुझे हरा दिया?