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हिन्दी अनुवाद :
अथवा कदाचित् जीते भी होंगे तो उनके साथ मेरा संयोग होना कठिन है। क्योंकि विद्या के बल में जो अधिक है, उस पापी द्वारा मैं अपहृत की गयी हूँ।
गाहा :
ता संपइ मह जुत्तं मरिडं गुरु-सोय- दुक्ख तवियाए । सुइणेवि नेव अन्नो पुरिसो मह लग्गए अंगे ।। ८२ ।। संस्कृत छाया :
तस्मात् सम्प्रति मम युक्तं मर्तु गुरुशोकदुःखतप्तायाः । स्वप्नेऽपि नैवान्यः पुरुषो मम लगत्यङ्गे ।। ८२ ।।
गुजराती अनुवाद :
तेथी हवे मारे भारे शोक थी दुखित मरवुं ज योग्य छे केमके जेथी स्वप्नमां पण मने अन्य पुरुष स्पर्शे नहिं ।
हिन्दी अनुवाद :
इसलिए अब भारी शोक से दुःखी मेरे लिए मरना ही योग्य है क्योंकि जिससे स्वप्न में भी कोई परपुरुष मेरा स्पर्श न कर सके।
गाहा :
इय मंतिऊण तीए अइ- उग्ग-विसं तु भक्खियं सहसा । भंजिय लोयण - जुयलं मही-यले निवडिया तत्तो ।। ८३ ।। संस्कृत छाया :
इति मन्त्रयित्वा तयाऽत्युग्रविषन्तु भक्षितं सहसा ।
भग्न लोचन - युगलं महीतले निपतिता ततः ।। ८३ ।।
गुजराती अनुवाद :
आम मानीने तेणीए अत्यन्त उग्र झेर खाई लीधुं जेथी ओनी आंखो भांगी गई अने ते जमीन पर पटकाई गयी ।
हिन्दी अनुवाद :
ऐसा मानकर उसने उग्र जहर खा लिया जिससे उसकी आँखें ढह गयीं और वह जमीन पर गिर गयी।