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गाहा :
तत्तो य भणइ देवो सच्चिय एसा, न होइ सुर-माया ।
अवहरिय सा मए जह इहाणिया तहय निसुणेसु ।।११२।। संस्कृत छाया :
ततश्च भणति देवः सा चैवैषा न भवति सुरमाया ।
अपहत्य सा मया यथेहाऽऽनीता तथा च निश्रृणु।।११२।। गुजराती अनुवाद :
त्यारे देवे कहयुं आ ओज छे पण देवमाया नथी. हुं केवी रीते तेनुं अपहरण करीने लाव्यो ते तुं सांधळ। हिन्दी अनुवाद :
तब देव ने कहा- यह वही है पर यह देवमाया नहीं है। मैं कैसे उसका अपहरण करके लाया वह तुम सुनो। गाहा :
केवलि-महिमं काउं आगच्छंतेण तुह समीवम्मि ।
ओहि-नाणेण मए दिट्ठा तुह भारिया एसा ।।११३।। संस्कृत छाया :
केवलि-महिमानं कृत्वाऽऽगच्छता तव समीपे ।
अवधिज्ञानेन मया दृष्टा तव भार्या एषा ।।११३।। गुजराती अनुवाद :
केवली महिमा करीने तारी पासे आवती वखते अवधिज्ञान थी में तारी पत्नी ने जोई। हिन्दी अनुवाद :
केवली महिमा कर तुम्हारे पास आते समय अवधिज्ञान से मैंने तुम्हारी पत्नी को देखा।
गाहा :
कय-मरणझवसाणा तत्तो य मए विचिंतियं एयं । गहिऊण इमं पच्छा गच्छिस्सं मित्त-पासम्मि ।।११४।।