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सम्प्राप्तो नरवाहनराज्ञा बहुमानितस्तस्तेन ।
शुल्कयति सकलभाण्डं पञ्चकुलं साक्षिणं कृत्वा ।।१५६।। गुजराती अनुवाद :
समय वड़े कुशायनगर मां पहोंचीने बीजा वेपारीओ साथे कीमती नजराणुं लई ने राजा पासे गया। राजास तेमनुं बहुमान कर्यु अने पंचनी साक्षी की कर लीधो। हिन्दी अनुवाद :
समय से कुशाग्रनगर पहुँचकर कीमती नजराना (भेंट) साथ लेकर राजा के पास गये। राजा ने उनका बहुमान किया और पंच की उपस्थिति में कर लीया। गाहा :
सागर-सेट्ठिस्स तओ भवणेसु भाडएण गहिएसु ।
उत्तारियं तु भंडं सव्वंपि निउत्त-पुरिसेहिं ।।१५७।। संस्कृत छाया :
सागरश्रेष्ठिनस्ततो भवनेषु भाटकेन गृहीतेषु ।
उत्तारितं तु भाण्डं सर्वमपि नियुक्तपुरुषैः ।।१५७।। गुजराती अनुवाद :
सागर शेठ - मकान भाड़े लईने पोताना माणसो बड़े बधो सामान उतार्यों। हिन्दी अनुवाद :
सागर शेठ का मकान भाड़े पर लेकर अपने आदमियों के द्वारा सारा सामान
उतारा।
गाहा :
उत्तरइ य पइदियहं भंडं तह घेप्पए य पडिभंडं ।
एवं कइवि मासा वोलीणा तत्थ नयरम्मि ।। १५८।। संस्कृत छाया :
उत्तरति च प्रतिदिवसं भाण्डं तथा गृह्यते च प्रतिभाण्डम् । एवञ्च कत्यपि मासा अतिक्रान्तास्तत्र नगरे ।।१५८।।