Book Title: Sramana 2015 10
Author(s): Sundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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गुजराती अनुवाद :____ बन्ने बेठा अने अक बीजानी कुशळवार्ता पूछवा लाग्या. थोड़ी वातो काटीने श्रीकान्तास कहो। हिन्दी अनुवाद :
दोनों बैठे और एक दूसरे का कुशल क्षेम पूछने लगे। थोड़ी बात कर श्रीकान्ता ने कहा। गाहा :
गच्छामि इण्हि गेहे तत्तो कमलावई इमं भणइ ।
पइदियहं अइ! तुमए आगंतव्वं मह समीवे ।। २३८।। संस्कृत छाया :
गच्छामीदानीं गेहे ततः कमलावतीदं भणति ।
प्रतिदिवसं अयि! त्वयाऽऽगन्तव्यं मम समीपे ।। २३८।। गुजराती अनुवाद :
हवे मारा घटे जाऊं छु. त्यारे कमलावतीओ कहयुं हे सखी ताटे दर टोज मारे त्यां आववानुं छे। हिन्दी अनुवाद :
___ अब मुझे मेरे घर जाना है। तब कमलावती ने कहा कि हे सखी! तुम्हें रोज मेरे यहाँ आना है। गाहा :
भणियं सिरिकताए एवं काहामि एवं भणिऊणं ।
देवीए अणुन्नाया समागया नियय-गेहम्मि ।। २३९।। संस्कृत छाया :
भणितं श्रीकान्तया एवं करिष्याम्येवं भणित्वा ।
देव्याऽनुज्ञाताः समागता निजगेहे ।। २३९।। गुजराती अनुवाद :
त्यारे श्रीकान्तास कहयुं भले अम कटीश, अम कही ने राणीनी अनुज्ञा लइने पोताना घरे आवी।

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