Book Title: Sramana 2015 10
Author(s): Sundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 136
________________ गुजराती अनुवाद : त्यां आश्वासन आपेछे. निमित्तिया सज कहुं हतुं ते प्रमाणे हे प्रियतमा! हवे तारो जन्माई प्रगट थशे तुं शोक न कर। हिन्दी अनुवाद : वे आश्वासन देते हैं, जैसा ज्योतिषियों ने कहा था उसके अनुसार हे प्रियतमा! अभी तुम्हारा दामाद प्रकट होगा, तूं शोक न कर। गाहा : अविसंवाई जं सो सुमई नेमित्तिओ तहा सुयणु! । कमलावईए सव्वं निव्वडियं तेण आइष्टुं ।।१७८।। संस्कृत छाया : अविसंवादी यत् स सुमति नैमित्तिकस्तथा सुतनो! । कमलवत्याः सर्व निर्वृत्तं तेनाऽऽदिष्टम् ।।१७८।। गुजराती अनुवाद : सुमति निमित्यानी वाणी खोटी पड़ती नथी। कमलावती राणीनो बधो वृत्तान्त तेणे कहयो तेमज थयो। हिन्दी अनुवाद : सुमति ज्योतिषी का वचन कभी झूठा नहीं होता। कमलावती रानी के विषय में सम्पूर्ण वृत्तान्त जैसा उन्होंने कहा, वैसा ही हुआ। गाहा : एवं च वट्टमाणे जाहे न चइंति तत्थ गारुडिया । सव्वायर-लग्गावि हु विस-वियणं से नियत्तेउं ।।१७९।। संस्कृत छाया : एवञ्च वर्तमाने यदा न शक्नुवन्ति तत्र गारुडिकाः । सर्वादरलमाऽपि खल विषवेदनां तस्या निवर्तितम् ।।१७९।। गुजराती अनुवाद : आ प्रमाणे ज्यारे गाइडिको द्वारा कोईपण प्रकारे झेरनी वेदना दूर न कटी शकाई त्यारे...

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