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गुजराती अनुवाद :
मगध देशमां साभड नामनो भरवाड थयो. त्यां अज्ञान तप करीने भवनपतिदेव थयो ।
हिन्दी अनुवाद :
मगध देश में साभड नामक एक भरवाड़ हुआ। वहाँ अज्ञान तप कर वह भवनपति देव हुआ।
गाहा :
परमाहम्मिय - देवो उवरुद्दो नाम सो तहिं जाओ । दट्ठूण ममं इह समागओ आसुरुत्तोत्ति ।। ६३।। संस्कृत छाया :
परमाधार्मिकदेव उपरुद्रो नामा स तत्र जातः । दृष्ट्वा मामिह समागत आशु रुष्ट इति ।। ६३ । ।
गुजराती अनुवाद :
परमाधामी देवमां उपरुद्र नामनो देव थयो अने मने आ नगर मां आवेलो जोइ ने खूबज गुस्से थयो ।
हिन्दी अनुवाद :
परमाधामी देव में उपरुद्र नामक देव हुआ और वह मुझे इस नगर में आया हुआ देखकर खूब क्रोधित हुआ।
गाहा :
सुमरंतो तं वइरं समागओ तेण मह वहट्ठाए । एयं वर- निमित्तं समासओ तुह मए सिठ्ठे ।। ६४ ।।
संस्कृत छाया :
स्मरंस्तद् वैरं समागतस्तेन भम वधनार्थे ।
एतद् वैर-निमित्तं समासतस्तुभ्यं मया शिष्टम् ।। ६४ ।। गुजराती अनुवाद :
ते वेरनु स्मरण करतो मने मारवा माटे आव्यो आ रीते में वेरनुं निमित्त संक्षेप मां कहयुं । आ प्रमाणे केवलीओ जवाब आप्यो ।
हिन्दी अनुवाद :
वह दुश्मनी का स्मरण कर मुझे मारने के लिए आया। इस प्रकार मैंने दुश्मनी का कारण संक्षेप में बताया। इस प्रकार केवली ने जवाब दिया।