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संस्कृत छाया :
तस्मात्तस्य रक्षणार्थे शीघ्रं ब्रज तस्मिन्नगरे ।
अहमपीन्द्राज्ञप्तिं समानीयाऽऽगमिष्यामि ।।५।। गुजराती अनुवाद :
ते थी तेमनी रक्षा माटे तुं जल्दी थी ते नगर मां जा। हूँ पण इन्द्रनी आज्ञा लईने आq छु। हिन्दी अनुवाद :
इसलिए उसकी रक्षा के लिए तूं शीघ्र ही उस नगर में जा मैं भी इन्द्र की आज्ञा लेकर आता हूँ। गाहा :
तत्तो तहत्ति भणिउं वेगेण समागओ अहं इहई।
ताव य दइया सहिओ पलायमाणो तुमं दिह्रो ।।६।। संस्कृत छाया :
ततस्तथेति भणित्वा वेगेन समागतोऽहमिह ।
तावच्च दयितासहितः पलायमानस्त्वं दृष्टः ।।६।। गुजराती अनुवाद :
त्यारे तहत्ति कहीने हुं उतावळ थी आव्यो हतो। त्यां पत्नी संहित जतां तने जोयो। हिन्दी अनुवाद :
तब ऐसा ही होगा' कहकर मैं जल्दी से यहाँ आया था। वहाँ पत्नी सहित जाते तुम्हें देखा। गाहा :
ओहि-त्राणेण मए नायं जह एस सो हु विज्जुपहो ।
मह मित्तो नहवाहण-भयाउरो वच्चए तुरियं ।।७।। संस्कृत छाया :
अवधिज्ञानेन मया ज्ञातं यथैव स हि विद्युत्प्रभः । मम मित्रं नभोवाहन-भयातुरो व्रजति त्वरितम् ।।७।।