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श्रावकाचार-संग्रह
सत्यार्थ गुरुका स्वरूप सत्यार्थं धर्मका स्वरूप
सम्यग्दर्शनका स्वरूप और उसके भेदोंका निरूपण
सम्यग्दर्शनके आठ अंगोंका नाम-निर्देश निःशङ्कित और नि:कांक्षित अंगका वर्णन निर्विचिकित्सा और अमूढदृष्टि अंगका वर्णन उपगूहन और स्थिरीकरण अंगका वर्णन वात्सल्य अंगका वर्णन
प्रभावना अंगका वर्णन
अष्टाङ्गयुक्त सम्यक्त्वकी महिमा और उसके आठ गुणोंका निरूपण
सम्यग्दर्शनके दोषोंका निरूपण आठ मूलगुणों का वर्णन मद्यपानके दोषोंका वर्णन मांस भक्षणके दोषोंका वर्णन मधु सेवनके दोषों का वर्णन
नवनीत, अज्ञातफल, अगालित जल, द्विदल-भक्षणादिका निषेध
सातों व्यसनोंके त्यागका उपदेश
अनस्तमितभोजनव्रतका विधान
पाँच अणुव्रतोंका निर्देश कर अहिंसाणुव्रतका वर्णन सत्याणुव्रतका वर्णन अणुव्रतका वर्णन ब्रह्मचर्या व्रतका वर्णन परिग्रहपरिमाणाणुव्रतका वर्णन दिग्व्रत और देशव्रतका वर्णन अनर्थदण्डविरतिगुणव्रतका वर्णन भोगोपभोगसंख्यानशिक्षाव्रतका वर्णन अतिथिसंविभागशिक्षाव्रतका वर्णन
सामायिक प्रतिमाका विस्तृत वर्णन पद्मस्थ ध्यानका वर्णन
पिण्डस्थ ध्यानके अन्तर्गत पार्थिवी आदि पंच धारणाओंका वर्णन रूपस्थ ध्यानका वर्णन
वीतराग जिनदेवकी अचेतन प्रतिमाका पूजन महान् पुण्यका साधक है प्रासुक जलका वर्णन, जलसे वा मन्त्रसे स्नान करके पूजन करनेका विधान प्रोषधप्रतिमाका वर्णन
सचित्त त्याग और दिवा ब्रह्मचर्य प्रतिमाका वर्णन
ब्रह्मचर्य प्रतिमाका वर्णन
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