________________
Ram Vallbh Somani
11 रा मांहि महाजना, जती, भोजि12 ग तथा उन्ही लोक जांणी वै 13 अणजांणी मैं उतरता नै देहग 14 मांहि अपवित्रताई हुती दीठी त 15 रिपंच माहाजना भेलो होवे 16 नै इसी थापना कीनी अठा. 17 पचै मेला मांहि देहरे राति 18 कोई वासो रिहण पावे नहीं को 19 ई जोरावरी करै नै राति देहरा 20 माहि रहै तको श्री दरबार रो 21 उलंभो पावसी संवत १८०६ पो 22 ष विद ८ बुधवासरे सुभं भव 23 तु गधा गालछै ।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org