________________
इतिहास स्वरूप अने तेनी प्रासंगिकता
३१
तत्रो सानो अने त्रीजो व्यक्ति व्यक्ति वच्चे के मानवसमाज साथेनो. आ त्रिस्तरीय संबंधने स्थळ अने काळना संदर्भमां जोवानो प्रयास ए छे इतिहासनो अभ्यास इतिहास चिंतन ए जीवनने तेनी अखिलाइमां समजवानो प्रयास छे. तेथी इतिहास स्वरूप कायमी के चोककस माळखामां रहेतुं नथी, कारण के जीवनने चोक्कस मान्यता के माळखामां बांध अशक्य छे. तेथी ज हकीकतमां इतिहास कोई एक कायमी स्वरूप न होई शके. वळी जेने आपणे भूतकाळ जीवन कहीए छोए ते हकोतमां वर्तमान क्षणे संबंधोना संदर्भमां खुल्लो थतो भूतकाळ छे. भूतकाळ सायेतो जीवंत संबंध भूतकाळनु वर्तमानमा रूपान्तर करे छे, ए अर्थमा आपणु जीवन बत्रा युगोनु वर्तमानमां परिणमेलं एक अटक स्थान छे. आ संदर्भमां न इतिहासने लोकप्रिय बनाववा माटे आपणे इतिहासने दस्तावेजोमांथी मुक्त करवो पडशे. तेनो अर्थ ए नथी के ऐतिहासिक साधन-सामग्रीनुं महत्त्व नथी. तेनुं महत्त्व छे, परंतु ए बधां इतिहासनां साधनो छे, ज्यारे इतिहास तो जीवंत वस्तु छे. आपणा वर्तमान जोवन साथेना सीधा संबंध द्वारा ज भूतकाळना बनावो आपणा जीवननो भाग बने छे. तेथी ज वर्तमानना संदर्भ arrat भूतकाळनो अभ्यास भ्रमणा पैदा करे छे. भूतकाळना बनावो के घटनाओनो अभ्यास aataant ए घटनाओना आंतर--संबंधोनुं जवंत स्वरूप शोधवानो प्रयास छे. कोइ चोक्कस स्थळ अने समये फक्त बनती घटनानुं निरूपण ए तो इतिहासनुं बहारनुं खोखुं छे. ते साचा अर्थमां इतिहास नथी, पछी भले ते आपणा माटे तद्दन आवश्यक होय. खरी रीते तो बनेलो घटनानो जीवंत अर्थ ते समयनी युवान पेढो, पुख्त वयनी पेढी के वृद्धावस्थामां आवेली पेढ़ी माटे तद्दन जुदो जुदो होय छे. भारतनो प्रथम स्वातंत्र्य दिवस के गांधीजीना खूननी पळ भले एक घटना होय, परन्तु २० के २५ वर्षना युवान माटे, ४० थी ६० वर्षना पाकट बना प्रौढ माटे अने ६० के तेथी उपरनी वयनी व्यक्ति माटे तेना जीवनना संदर्भमां तेनु महत्त्व
दुदु छे. आम कोइ पण समयना इतिहासनो साचो ख्याल मानव वननी आ त्रिस्तरीय समयविस्तारनी समुपस्थितिना संदर्भमां ज आवी शके आम इतिहासनो वर्तमान जीवन साथेनो सीधा संबंध छे एनो अर्थ ए छे के समयना प्रवाहमां दरेक वयनी पेढी भूतकाळा बनावोने पोताना संदर्भमां जुर छे. माटे आपणे एम पग कही शकीए के भूतकाळ स्थिर नथी, वर्तमानना संदर्भमां ते सतत बदलातो रहे छे.
वळी, अहीं ए जो जरूरी छे के इतिहासमां जेने आपणे 'हकीकत' (fact) कहीए छीए ते 'ते जे छे' ना अर्थमां नहीं, परंतु आपणा चित्तमां आपणा पोताना मुजब जे प्रतिबिम्बित थाय छे ते छे. अंग्रेजी शब्द fact लेटिन शब्द facta मांथी आव्यो छे. तेनो अर्थ ' things that have been made' एवो थाय छे, माटे वस्तुनु स्वरूप "समजवा माटेनी भौतिक विज्ञाननी पद्धतिनो उपयोग इतिहासना अभ्यास माटे योग्य नथी. भौतिकविज्ञाननी पद्धतिनो उपयोग इतिहासनी साधन - समग्रीने चकासवा पूरता मर्यादित रीते यह शके, परन्तु तेमां इतिहासना आत्मा प्रगट थतो नथी. कारण के आ पद्धति (Empiricism-positivism ) प्रत्यक्षज्ञानवाद पर रचायेल छे. जो के हवे तेनी मर्यादाओ इतिहास तेमज समाज-विद्या ओना अभ्यासमां पण स्पष्ट रीते वर्ताइ रही छे, कारण के आ प्रकारनी पद्धति भूतकाळने स्थिर वस्तुना स्वरूपमां चकासवानो प्रयास करे छे, परन्तु आपणे जोइ गया के जीवंत संबंधोना संदर्भमां भूतकाळ स्थिर नथी. भूतकाळनो घटनाना आंतरस्वरूप ज्ञान ते घटना साना सीधा संबंध द्वारा ज प्राप्त थतुं होवार्थ इतिहासनुं ज्ञान विशेष प्रमाणमां अनुभूतिमूलक हे
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org