________________ सल्लेखना अथवा समाधिमरण जैसा कोई व्रत वैदिक संस्कृति में यद्यपि उपलब्ध नहीं है पर नचिकेता और यम तथा अर्जुन और कृष्ण के बीच हुए वार्तालाप से आत्मसमर्पण रूप भक्तियोग का रूप सामने अवश्य आता है। उपनिषद साहित्य में संसार (जन्म-मरण) विज्ञान का विकास हुआ है और अविद्या रूप कर्म के विनाश से मुक्ति प्राप्त की जाती है समाधि के माध्यम से। इससे अधिक कुछ नहीं मिलता। मृत्यु के बाद की क्रियाकाण्ड व्यवस्था में मन्त्रपूर्वक गंगाजल छिड़काना आदि कार्य इसकी परिधि के बाहर हैं। .. बौद्धधर्म में मृत्यु के समय बौद्ध सूत्रों का पाठ किया जाता है और बाद में परित्राणकर साधुओं को आहार दान भी दिया जाता है। इस समय चीनी, तिब्बती और जैन बौद्धधर्म में भी लगभग यही रूप मिलता है। मेसापोटामियां और मिस्र संस्कृति में मृत्यु के बाद ईश्वर रूप न्यायाधीश के सामने अपना पूरा लेखा-जोखा देना पड़ता है। हेब्रिक संस्कृति में मृत्यु की विशेष अवधारणा नहीं है क्योंकि वहाँ शरीर और आत्मा वापिस यथास्थान चले जाते हैं। उसे ईश्वर की सृष्टि का स्वाभाविक एक पवित्र भाग माना जाता है पर है वह पाप का फल। उसे मसीहा के सामने जाना पड़ता है। क्रिश्चिनिटी में आत्मा का पुनर्जन्म कुछ दूसरे रूप में है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि उसमें पुनर्जन्म होता है जिसे Resurrection कहा जाता है। मरने के बाद आत्मा को स्वर्ग, नरक या विशुद्धि के लिए भेज दिया जाता है। मृत्यु के समय ईश्वर की प्रार्थना ही सबसे बड़ी शरण है। इस्लाम में अल्लाह को ही एकमात्र ईश्वर माना गया है। मृत्यु के समय प्रार्थना की जाती है कि वह उसके सामने खड़ा रहे। वह अल्लाह से क्षमा याचना करता है और उससे पवित्र होने की प्रार्थना करता है और फिर अल्लाह में समाविष्ट हो जाता है। पुनर्जन्म यहाँ नहीं है। मरते समय कुरान का पाठ सुनता/पढ़ता है और पापों से मुक्त करने की प्रार्थना करता है। तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाये तो मृत्यु के समय सभी धर्मों में अपने इष्टदेव के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त की जाती है, स्तवन या सूत्रपाठ करके और कृत कार्यों का प्रायश्चित कर निरासक्ति पूर्वक जीवन का अन्तिम समय निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में जैनधर्म की सल्लेखना का जो गहरा रूप हमारे सामने रहता है वह अन्यत्र नहीं मिलता। Euthanasia और सल्लेखना (Spiritual Death) Euthanasia का अर्थ है Good death या dying well इसे विदेशों मे Physician-assisted Suicide कहा जाता है। व्यक्ति एक लम्बी असहनीय बीमारी प्राकृतविद्या-जनवरी-दिसम्बर (संयुक्तांक) '2004 00 113