________________ आचार्यश्री विद्यानन्द पुरस्कार श्री महावीर प्रभाचन्द्र शास्त्री शोलापुर को प्रदान किया गया। न्यायमूर्ति श्री आर. सी. जैन दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा प्रशस्ति पत्र, शॉल, स्वर्ण पदक एवं इक्यावन हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। न्यायमूर्ति श्री आर. सी. जैन ने कहा- विद्वानों का सम्मान करना भारतीय संस्कृति की पुरानी परम्परा रही है। इसी अवसर पर भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित आचार्यश्रीशान्तिसागरचरित्रम् का भी लोकार्पण किया गया। .. समाधि स्वर्ण जयन्ती वर्ष (18 सितम्बर - 2004-2005) चारित्रचक्रवर्ती परमपूज्य आचार्यश्री शान्तिसागर जी मुनिराज के समाधि स्वर्ण जयन्ती वर्ष उपलक्ष्य में देश के अनेक नगरों में समारोह आयोजित किये गये। दिल्ली में सिद्धान्तचक्रवर्ती परमपूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में वैदवाड़ा दिल्ली में आयोजित एक धर्मसभा में आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज ने चारित्रचक्रवर्ती आचार्य शान्तिसागर समाधि स्वर्ण जयन्ती वर्ष समारोह का शुभारम्भ करते हुए कहा कि वे आचार्य कुन्दकुन्द की परम्परा में महान् तपस्वी प्रभावक सन्त थे। उनका जीवन चरित्र नई पीढ़ी को पता चलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सूर्य दिन में तथा चन्द्रमा रात को प्रकाश देता है, लेकिन साधु हर समय ज्ञान का प्रकाश देता है। यदि सन्त न होते तो यह संसार जल जाता। इस अवसर पर आचार्य शान्तिसागर जी के जीवन पर मराठी भाषा में प्रकाशित पुस्तक 'युगप्रवर्तक तेजो भास्कर' का लोकार्पण भी हुआ। : परेड ग्राउण्ड, न्यू रोहतक रोड, भारत नगर, अशोक विहार, शालीमार बाग, रोहिणी, प्रशान्त विहार, हर्ष विहार, पश्चिम विहार, विकासपुरी, जनकपुरी, पालम गाँव, पालम कालोनी आदि क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। सदर बाजार दिल्ली कैंट (सैनिक क्षेत्र) में सिद्धान्तचक्रवर्ती परमपूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में चारित्रचक्रवर्ती परमपूज्य आचार्यश्री शान्तिसागर जी मुनिराज पक्षी स्वास्थ्य केन्द्र का शिलान्यास हुआ। ज्ञातव्य है कि आज से 75 वर्ष पूर्व (सन् 1931) में आचार्यश्री शान्तिसागर जी का जब दिल्ली में चातुर्मास हुआ उस समय पूरे विश्व में पहली बार एक धर्मशाला में पक्षियों के अस्पताल का शुभारम्भ किया गया था। आज दिल्ली के लाल मन्दिर में स्थित पक्षियों का अस्पताल उसी का विशाल रूप है, जो जीव दया के लिये विश्वविख्यात है। जयपुर (राजस्थान) में पूज्य मुनिश्री ऊजर्यन्त सागर जी के सान्निध्य में समाधि स्वर्ण जयन्ती वर्ष का भव्य आयोजन जयपुर में सम्पन्न हुआ। प्राकृतविद्या-जनवरी-दिसम्बर (संयुक्तांक) '2004 40 211