Book Title: Prakrit Vidya Samadhi Visheshank
Author(s): Kundkund Bharti Trust
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 218
________________ जैन समाज के शीर्षस्थ नेता एवं पत्रकारिता के शिखर पुरुष साहू रमेशचन्द्र जैन का दु:खद निधन दिगम्बर जैन समाज के शीर्ष नेता श्रीमान् साहू रमेशचन्द्र जैन का दिनांक 22 सितम्बर, 2004 को दुःखद निधन हो गया है। दिनांक 23 सितम्बर को प्रातः 9 बजे बालाश्रम, दिल्ली में उनकी उठावनी रखी गई थी, जिसमें केन्द्रीय मन्त्री, न्यायाधीश, सांसद, विधायक, निगम पार्षद इत्यादि समाज के प्रमुख नेता एवं समाजसेवी उपस्थित थे। श्री लालकृष्ण आडवाणी पूर्व उपप्रधानमन्त्री, डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह केन्द्रीय मन्त्री, श्रीमती साहू रमेशचन्द्र जैन शीला दीक्षित मुख्यमन्त्री दिल्ली, डॉ. साहिब सिंह वर्मा पूर्व केन्द्रीय मन्त्री, डॉ. एल.एम. सिंघवी, श्री आर.के. जैन एडवोकेट, श्री निर्मल कुमार सेठी, श्री नरेश कुमार सेठी, श्री अरविन्द दोशी, श्री वसन्तलाल दोशी, श्री शरद जैन, श्री चक्रेश जैन, डॉ. बिमल जैन आदि ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किये। साहू जी का जन्म 15 अगस्त, 1925 को रायबहादुर साहू जुगमन्दर दास के घर नजीबाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनका विवाह रोहतक के डिस्ट्रिक एवं सैशन जज श्री सुल्तानसिंह की सुपुत्री श्रीमती चन्द्रकान्ता जैन से हुआ था। वे अपने पीछे अपनी पत्नी और दो पुत्र श्री अखिलेश जैन एवं श्री शैलेश जैन को छोड़ गये हैं। आपका शिक्षा, समाजसेवा, धर्मोत्थान एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। आप देश के सबसे बड़े समाचारपत्र समूह टाइम्स ऑफ इण्डिया के कार्यकारी निदेशक, टाइम्स ऑफ इण्डिया के प्रबन्ध सम्पादक तथा नवभारत टाइम्स के सम्पादक भी रहे हैं। इसके अतिरिक्त इकोनॉमिक टाइम्स व सान्ध्य टाइम्स के प्रकाशक का दायित्व भी उन्होंने बड़ी कर्मठता से निभाया है। देश की सबसे बड़ी न्यूज एजेंसी टाइम्स ऑफ इण्डिया व इण्डियन न्यूज पेपर सोसायटी तथा भारत सरकार के भारतीय जनसंचार संस्थान के अध्यक्ष भी रहे हैं। इतने दीर्घ अनुभव के कारण ही आपको पत्रकारिता का शिखर पुरुष कहा जाता था। देश की विभिन्न संस्थाओं द्वारा आपकी सुदीर्घ सेवाओं के लिए श्रद्धांजलि समर्पित की गई। श्री सतीश जैन (आकाशवाणी) ने कहा कि श्री रमेश चन्द्र जी व्यक्ति नहीं संस्था थे, उनके निधन से जैन समाज के इतिहास का एक अध्याय पूर्ण हो गया। कुन्दकुन्द भारती एवं प्राकृतविद्या-परिवार की ओर से भव्यात्मा को सुगतिगमन, बोधिलाभ की मंगलकामना के साथ विनम्र श्रद्धासुमन समर्पित किये गये। प्राकृतविद्या के स्वत्वाधिकारी एवं प्रकाशक श्री सुरेशचन्द्र जैन, मन्त्री, श्री कुन्दकुन्द भारती, 18-बी, स्पेशल इन्स्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली-110067 द्वारा प्रकाशित एवं मुद्रक श्री महेन्द्र कुमार जैन द्वारा, पृथा ऑफसेट प्रा.लि., नारायणा इण्डस्ट्रियल एरिया, फेस-II, नई दिल्ली-110028 में मुद्रित। भारत सरकार पंजीयन संख्या 48869/89 21600 प्राकृतविद्या-जनवरी-दिसम्बर (संयुक्तांक) '2004

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