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संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
इह-ईसालु इह अ. यहाँ, इस जगह । °पार लोइय वि । इहइं अ [इदानीम्] सम्प्रति, इस समय । [ऐहिकपारलौकिक] इस और परलोक से इहं , देखो इह = इह । सम्बन्ध रखनेवाला । भविय वि [ऐह- इहयं । भविक] इस जन्म-सम्बन्धी । °लोअ, °लोग ।
इहरहा । देखो इयर-हा । पुं [लोक] वर्तमान जन्म, मनुष्य लोक ।
इहरा । °लोय, °लोइय वि[ऐहलौकिक] इस जन्म
इहरा देखो इहई = इदानीम् । सम्बन्धी, वर्तमान-जन्म-सम्बन्धी । इहअ ) ऊपर देखो।
इहामिय देखो ईहामिय। इहई ।
इहिं अ [इह] यहाँ ।
ई पुं. प्राकृत वर्णमाला का चतुर्थ वर्ण, स्वर-। ईसर पुं [ईश्वर] प्रभु । महादेव। पति । विशेष ।
मुखिया । बेलंधर-देवों का आवास-विशेष । ईअ स [एतत्, इदम्] यह ।
एक पाताल-कलश । आढ्य । ऐश्वर्य-शाली । ईअ अ [इति] इस तरह ।
युवराज । माण्डलिक, सामन्त-राजा । मन्त्री। ईह पुंस्त्री [ईति] धान्य वगैरह को नुकसान भूतवादि-निकाय का इन्द्र । पाताल-विशेष ।
पहुँचानेवाला चूहा आदि प्राणि-गण । एक राजा का नाम । एक जैन मुनि । यक्षईइस वि [ईदृश] ऐसा, इसके समान । विशेष । ईजिह अक [ध्रा] तृप्त होना।
ईसर पुं [ईश्वर] अणिमा आदि आठ प्रकार ईड देखो कीड = कीट ।
के ऐश्वर्य से सम्पन्न । ईडा स्त्री. स्तुति ।
ईसरिय न [ऐश्वर्य] वैभव, ईश्वरपन । ईण वि [ईन] प्रार्थी, अभिलाषी।
ईसा स्त्री [ईषा] लोकपालों की अग्रमहिषियों °ईण देखो दीण।
की एक पार्षदा । पिशाचेन्द्र की एक परिषद् । ईति देखो ईह।
हल का एक काष्ठ । ईदिस देखो ईइस ।
ईसा स्त्री [ईर्षा] ईर्ष्या, द्रोह। °रोस पुं ईर सक. प्रेरणा करना। कहना । गमन | [ रोष] क्रोध । करना । फेंकना।
ईसाण पुं [ईशान] दूसरा देवलोक । दूसरे ईरिया देखो इरिया।
देवलोक का इन्द्र । ईशान-कोण । मुहूर्तईरिस देखो ईइस ।
विशेष । दूसरे देवलोक के निवासी देव । प्रभु, ईस न [दे] खुंटा, खीला ।
स्वामी । वडिसग न [°ावतंसक] विमानईस सक [ईर्ष ] द्वेष करना ।
विशेष का नाम । ईस पुं [ईश] देखो ईसर = ईश्वर । न. | ईसाण पुं [ईशान] अहोरात्र का ग्यारहवां ऐश्वर्य, प्रभुता।
मुहूर्त । ईस देखो ईसि।
ईसाणा स्त्री ऐशानी] ईशान-कोण । ईसअ पुं [दे] रोझ, हरिण की एक जाति । । ईसाणी स्त्री [ऐशानी] ईशान कोण । विद्याईसत्थ न [इष्वस्त्रशास्त्र] धनुर्वेद, बाणविद्या। विशेष । ईसर पुं [दे] कामदेव ।
| ईसालु वि [ईर्ष्यालु] असहिष्णु, द्वेषी ।
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