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पंचंअण्ण-पंजल संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
४९७ स्त्रीन [°शत्] पचास । जिनको संख्या । वाले सर्प-जातीय प्राणी की एक जाति । पचीस हो वे । °सग न [°शिक] आचार्य पंचवडी स्त्री [पञ्चवटी] पाँच वट-वृक्षवाला श्रीहरिभद्रसूरिकृत एक जैन ग्रन्थ । सीइ एक स्थान, जहाँ श्रीरामचन्द्रजी ने अपने स्त्री [°ाशीति ] अस्सी और पांच । जिनकी | वनवास के समय आवास किया था। संख्या पचासी हो वे। सीइम वि | पंचवयण पुं [पञ्चवदन] सिंह। [°ाशीतितम ] पचासीवाँ ।
पंचामय न [पञ्चामृत] ये पाँच वस्तु-दही, पंचअण्ण देखो पंचजण्ण ।
दूध, घी, मधु तथा शक्कर । पंचंग न [पञ्चाङ्ग] दो हाथ, दो जानु और पंचाल पुं [पाञ्चाल] कामशास्त्र-प्रणेता एक मस्तक-ये पाँच शरीरावयव । वि. पूर्वोक्त ऋषि । पाँच अंगवाला (प्रणाम आदि)।
पंचाल पुं.ब. [पञ्चाल, पाञ्चाल] पञ्जाब देश । पंचंगुलि पुं [दे] एरण्ड-वृक्ष ।
पुं. पञ्जाब देश का राजा । छन्द-विशेष । पंचंगुलि मुं [पञ्चागुलि] हाथ ।
पंचालिआ स्त्री [पञ्चालिका] पुतली, काष्ठादिपंचंगुलिआ स्त्री [पञ्चाङ्गुलिका] वल्ली
निर्मित छोटी प्रतिमा । विशेष ।
| पंचालिआ स्त्री [पाञ्चालिका] द्रौपदी । गान पंचग वि [पञ्चक] पांच (रुपया आदि) की
का एक भेद । कीमत । न. पाँच का समूह ।।
पंचावण्ण स्त्रीन [ दे. पञ्चपञ्चाशत्] पचपन । पंचजण्ण पुं [पाञ्चजन्य] श्रीकृष्ण का शंख ।
जिनकी संख्या पचपन हो वे । पंचत्त । न [पञ्चत्व] पाँचपन, पञ्चरूपता ।
पंचावन्न वि [दे. पञ्चपञ्चाश] पचपनवाँ । पंचत्तण ) मौत।
पंचिंदिय ) वि [पञ्चेन्द्रिय] वह जीव पंचपुंड वि [पञ्चपुण्ड्र] पाँच स्थानों में पुण्ड्र- पंचिद्रिय । जिसको त्वचा, जीभ, नाक, आँख चिह्न (सफेदी) वाला।
और कान-ये पाँचों इन्द्रियाँ हों । न. त्वचा पंचपुल पुन [दे] मत्स्य-बन्धन-विशेष, मछली आदि पाँच इन्द्रियाँ । पकड़ने का जाल-विशेष ।।
पंचिया स्त्री [पञ्चिका] पाँच की संख्यापंचम वि [पञ्चम] पाँचवाँ । पुं. स्वर-विशेष। वाला । पाँच दिन का।
°धारा स्त्री. अश्व को एक तरह की गति। पंचुंबर स्त्रीन [पञ्चोदुम्बर] वट, पीपल, पंचमहब्भूइअ वि [पाञ्चमहाभूतिक] पाँच उदुम्बर, प्लक्ष और काकोदुम्बरी का फल । महाभूतों को माननेवाला, सांख्यमत का पंचुत्तरसय वि [पञ्चोत्तरशततम] एक सौ अनुयायी ।
पाँचवाँ। पंचमासिअ वि [पाश्चमासिक] पाँच मास की पंचेडिय वि [दे] विनाशित । उम्र का । पाँच मास में पूर्ण होनेवाला पंचेसु पुं [पञ्चेषु] कामदेव । (अभिग्रह आदि)।
पंछि पुं [पक्षिन्] पक्षी, चिड़िया । पंचमिय वि [पाञ्चमिक] पाँचवाँ । पंजर पुंन[पञ्जर] आचार्य, उपाध्याय, प्रवर्तक पंचमी स्त्री [पञ्चमी] पाँचवीं । पंचमी तिथि । आदि मुनि-गण । उन्मार्ग-गमन-निषेध, सन्मार्ग
व्याकरण-प्रसिद्ध अपादान विभक्ति । प्रवर्तन । स्वच्छन्दता-प्रतिषेध । न. पिंजरा । पंचयन्न देखो पंचजण्ण ।
पंजरिअ पुं [दे] जहाज का कर्मचारी-विशेष । पंचलोइया स्त्रो [पञ्चलौकिका] हाथ से चलने पंजल वि [प्राञ्जल] सीधा, ऋजु ।
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