Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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८१२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
समण-समब्भस उपशमन करनेवाला।
। समणुवत्त वि [समनुवृत्त] संवृत्त, संजात । समण देखो स-मण = स-मनस् ।
समणुवास सक [समनु + वासय्] वासनासमण देखो सवण-श्रवण ।
युक्त करना । सिद्ध करना। परिपालन समण पुं. सर्वत्र समान प्रवृत्तिवाला, मुनि ।।
करना। समण पुं [श्रमण] भगवान् महावीर । पुंस्त्री. समणसट्र वि [समनुशिष्ट] अनुज्ञात, अनुमत । निर्ग्रन्थ मुनि, साधु, यति, भिक्षु, संन्यासी, |
, भिक्षु, सन्यासी, समणुसास सक [समनु + शासय्] सम्यग् तापस। साह पुरा सिहा एक जन मुनि जा सीख देना, अच्छी तरह सिखाना । दूसरे बलदेव के पूर्वभवीय गुरु थे । श्रेष्ठ मुनि । समणसिट वि समनुशिष्ट] अच्छी तरह वासग, वासय पुंस्त्री [पासक] |
शिक्षित । देखो समणुसट्ठ। श्रावक । स्त्री ‘सिया।
समणुहो सक [समनु + भू] अनुभव करना। समणंतरु (अप) न [समनन्तरम्] अनन्तर ।।
समण्णागय वि [समन्वागत] समन्वित, समणक्ख देखो स-मणक्ख = स-मनस्क ।
सहित । संप्राप्त । समणुगच्छ । सक [समनु + गम्] अनुसरण समण्णाहार पुं [समन्वाहार] समागमन । समणुगम ) करना । अच्छी तरह व्याख्या समण्णिय वि [समन्वित] युक्त, सहित । करना । अक. सम्बद्ध होना।
समतिक्कंत देखो समइक्त । समणुगय वि [समनुगत] अनुसृत । अनुविद्ध, समतुरंग सक [समतुरंगाय] समान अश्व की जुड़ा हुआ।
तरह आपस में आरोहण करना, आश्लेष समणुचिण्ण वि [समनुचीर्ण] आचरित, | करना। विहित ।
समत्त वि [समस्त] सम्पूर्ण । सकल । समाससमणुजाण सक [समनु + ज्ञा] अनुमोदन | युक्त । मिलित । करना । अधिकार प्रदान करना।
समत्त वि [समाप्त] पूर्ण, सिद्ध, हो चुका । समणुजाय वि [समनुजात] उत्पन्न, संजात । | समत्ति स्त्री [समाप्ति] पूर्णता। समणुनाय वि [समनुज्ञात अनुमत, अनुमो- समत्थ सक [सम् + अर्थय] साबित करना । दित ।
पुष्ट करना । पूर्ण करना। समणुन्न वि [समनुज्ञ] अनुमोदन-कर्ता । समत्थ देखो समत्त = समस्त । समणुन्न वि [समनोज्ञ] सुन्दर, मनोहर ।
समत्थ वि [समर्थ] देखो समट्ठ । सुन्दर वेष आदिवाला । संविग्न, संवेग-युक्त
समस्थि वि [समर्थिन्] प्रार्थक, चाहनेवाला । मुनि । समान समाचारीवाला-सांभोगिक
समद्धासिय वि [समाध्यासित] अधिष्ठित । मुनि ।
समद्धि देखो समिद्धि। समणुन्ना स्त्री [समनुज्ञा] अनुमति, अधिकार- समन्नि सक [समनु + इ] अनुसरण करना । प्रदान ।
अक. एकत्रित होना। समणुन्नाय देखो समणुनाय ।
समन्ने देखो समन्नि । समणुपत्त वि [समनुप्राप्त] सम्प्राप्त । समप्प सक [सम् + अर्पय्] अर्पण करना । समणुबद्ध वि [समनुबद्ध] निरन्तर व्याप्त ।
__दान करना, देना। समणुभूअ वि [समनुभूत] अच्छी तरह जिसका समप्प देखो समाव = सम् + आप् । अनुभव किया गया हो वह ।
। समब्भस सक [ समभि + अस् ] अभ्यास
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