Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 905
________________ ८८६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष हिअ-हिक्किम कारक । स्थापित, निहित । "कर वि. हित- । हिंड अक [हिण्ड] भ्रमण करना । जाना, कारक । पुं. दो उपवास । एक वणिक् । | चलना । पर्यटन करना । °कार वि. हित-कारक । °यर देखो °कर । हिंडग वि [हिण्डक] भ्रमण करनेवाला। हिअ देखो हिअय = हृदय । इट्ठ वि [°इष्ट] | चलनेवाला। मनःप्रिय । "उड्डावण वि [°उड्डायन] | हिडि स्त्री [हिण्डि] परिभ्रमण, पर्यटन । चित्ताकर्षण का साधन । चित्त को शून्य | हिंडि पु[हिण्डिन्] रावण का एक सुभट । बनानेवाला। हिंडुअ पु [दे.हिण्डुक] आत्मा, जीव, जन्माहिअ न [घृत] घी। न्तर माननेवाला आत्मा, हिन्दु । हिअंकर पु [हितंकर] राम-पुत्र कुश के पूर्व- हिंडोल न [दे] खेत में पशुओं को रोकने की जन्म का नाम । आवाज । क्षेत्र की रक्षा का यन्त्र । हिअड (अप) देखो हिअय = हृदय । हिंडोल देखो हिंदोल। हिअय न [हृदय] अन्तःकरण, मन । वक्षस् । | हिंडोलण न [दे] रत्नावली। क्षेत्र की रक्षा पर ब्रह्म । °गमणीअ वि [°गमनीय] हृदयं- | की आवाज । गम । °हारि वि [ हारिन्] चित्ताकर्षक । हिताल पु [हिन्ताल] वृक्ष-विशेष । हिअय देखो हिअ = हित । | हिंद सक [ग्रह ] स्वीकार या ग्रहण करना । हिअयंगम वि [हृदयंगम] मनोहर, चित्ता- | हिंदोल अक [हिन्दोलय ] झूलना। कर्षक । हिंदोल पु[हिन्दोल] हिंडोला, झूला । हिआली स्त्री [हृदयाली] काव्य-समस्या- हिबिअ न[दे]एक पैर से चलने को बालक्रीडा । विशेष, गूढार्थक काव्य-विशेष । हिंस सक [हिंस् ] वध करना । पीड़ा करना । हिइ स्त्री [हृति) अपहरण । न. स्थानान्तर हिंस वि [हिंस्र] हिंसक । 'प्पदाण, पयाण में ले जाना। न ['प्रदान] हिंसा के साधन-भूत खड्ग आदि हिएसय । वि [हितैषक] हितेच्छु । वि का दान । हिएसि ) [हितैषिन् । हिओ अ [ह्यस्] गत कल । हिंस° देखो हिंसा । °प्पेहि वि ["प्रेक्षिन्] हिंसा को देखनेवाला। हिंग पु [दे] जार। हिंगु पुन [हिगु] हींग का गाछ । हींग । हिंसा वि [हिंसक हिंसा करनेवाला । | हिंसग । °सिव पु [°शिव] व्यन्तर देव-विशेष ।। हिंगुल । पुंन [हिङ्गल] पार्थिव धातु हिंसा स्त्री [हिंसा] वध, घात । वध, बन्धन हिंगुलु विशेष, हिंगुल, सिंगरफ । पुन आदि से जीव को की जाती पीड़ा। __ [हिङ्गलु]। हिंसा स्त्री [हेषा] अश्व का शब्द । हिंगोल पुन [दे] मृतक भोजन, किसी के मरण हिसिय न [हेषित् अश्व-शब्द । के उपलक्ष्य में दिया जाता जीमन, श्राद्ध । यक्ष हिंसी स्त्री [हिंसी] लता-विशेष । आदि की यात्रा के उपलक्ष्य में किया जाता हिंह पुं [दे] हिन्दू, हिन्दुस्तान का निवासी । जीमनवार । हिक्का स्त्री [दे] धोबिन । हिंचिअ न [दे] एक पैर से चलने की बाल- हिक्का स्त्री. रोग-विशेष, हिचकी । क्रीड़ा। हिक्कास पु [दे] पङ्क । हिंजीर न [हिजीर] सिकरी, साँकल। (हिक्किअ न [दे] अश्व-शब्द । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 903 904 905 906 907 908 909 910