Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 903
________________ ८८४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष , हसिरिआ-हारि हसिरिआ स्त्री [दे] हंसी। | हायण पु [हायन] वर्ष, संवत्सर । हस्स अक [ह्रस् ] कम होना । क्षीण होना। | हायणी स्त्री [हायनी] मनुष्य की दस दशाओं हस्स देखो हस हस् । में छठवीं अवस्था । हस्स न हास्य हँसी । पुं. महाक्रन्दित नामक | हार सक हारय 1 नाश करना । हारना । देवों का दक्षिण दिशा का न्द्र । °गय न हार पुं. माला, अठारह सर की मोती आदि [°गत] कला-विशेष । 'रइ पु [रति] की माला । अपहरण । द्वीप-विशेष । समुद्रमहाक्रन्दित-निकाय का उत्तर दिशा का विशेष । हरण-कर्ता । "पुड पुंन [°पुट] इन्द्र । लोहा । भद्द पु [°भद्र] हार-द्वीप का हस्स वि [ह्रस्व] लघु । वामन, खर्व । अल्प । अधिष्ठाता एक देव। महाभद्द पु पुं. एक मात्रावाला स्वर । ["महाभद्र] हारद्वीप का एक अधिष्ठाता देव । हस्सण वि [हर्षण] हर्ष-कारक । महावर पुं. हार-समुद्र का एक अधिष्ठायक हहह । अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय- देव । °वर पुं. हार-समुद्र का एक अधिष्ठाता हहहा आश्चर्य । देव । द्वीप-विशेष । समुद्र-विशेष । हारवरहहा पुं. गन्धर्व देवों की एक जाति । अ. खेद- समुद्र का एक अधिष्ठाता देव । °वरभद्द पु सूचक अव्यय । ["वरभद्र] हारवर-द्वीप का एक अधिष्ठायक हा अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय-विषाद । देव । °वरमहाभद्द पु [°वरमहाभद्र] हारशोक, दिलगीरी। पीड़ा। कुत्सा, निन्दा । वरद्वीप का अधिष्ठाता देव । °वरमहावर पुं. °कंद पुं [°क्रन्द]। °रव पुं. हाहाकार । हारवर-समुद्र का एक अधिष्ठायक देव । हा सक [हा] क्षीण करना, कम करना, त्याग वरावभास पुं. एक द्वीप। एक समुद्र । करना । अक. गति करना। °वरावभासभद्द पु [ °वरावभासभद्र ] हा देखो भा-स्त्री। हारवराभासद्वीप का एक अधिष्ठाता देव । हाअ देखो हा-सक । °वरावभासमहाभद्द पु [°वरावभासहाअ सक [हादय् ] अतिसार रोग को उत्पन्न महभद्र] हारवरावभास-द्वीप का एक अधिष्ठाकरना। यक देव । °वरावभासमहावर पुं. हारवरा°हाअ देखो भाअ- भाग । भास-समुद्र का एक अधिष्ठाता देव । °वरावहाअ देखो घाय = घात । भासवर पुं. हारवरावभास-समुद्र का एक हाअ देखो भाव = भाव । अधिष्ठायक देव । हाउ देखो भाउ। हार देखो भार । हांसल देखो हंसल। हारअ वि [हारक] नाश-कर्ता । हाकंद देखो हा-कंद। हारण वि. ऊपर देखो। हाकलि स्त्री. छन्द का एक भेद । हारव देखो हार = हारय् । हाडहड न [दे] तत्काल । हारा स्त्री [दे] लिक्षा, जन्तु-विशेष । हाडहडा स्त्री [दे] आरोपणा का एक भेद, हारा देखो धारा। प्रायश्चित-विशेष । हारि स्त्री. पराजय । पंक्ति । छन्द-विशेष । हाणि स्त्री [हानि] क्षति, अपचय, ह्रास। | हारि वि [हारिन्] हरण-कर्ता । मनोहर, हाम अ [दे] इस तरह, इस प्रकार, एवं । । चित्ताकर्षक । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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