Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 902
________________ हरेडगी - हसहस हरेडगी देखो हरीडई | हरेणुया स्त्री [हरेणुका ] प्रियंगु, मालकांगनी । हरेस अक [हेषु ] गति करना । हल न. हर, जिससे खेत जोतते हैं । उत्तय पुंन [°युक्तक ] हल जोतना । कुड्डाल, ° कुद्दाल पुं. हल के ऊपर का भाग । 'धर पुं । 'धारण पुं. बलभद्र, राम । ' वाहग fa [' वाहक ] हल जोतनेवाला । 'हर देखो धर । [युध] बलभद्र, राम । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोप 'हल देखो फल = फल 1 हलअ (मा) देखो हिअय = हृदय । हलउत्तय देखो हल-उत्तय । हलद्दा | देखो हलिद्दा | हद्दी हलप्प वि [दे] बहु-भाषी, वाचाल । हलबोल पुं [दे] कलकल, शोरगुल, कोलाहल । हलहर देखो हल-हर = हल-धर । हलहल देखो हडहड = (दे ) । हलहल पुंन [दे] तुमुल, कोलाहल | हलहलअ कौतुक | त्वरा । औत्सुक्य । हलिअ वि [] कम्पित । हला अ. सखी का आमन्त्रण, हे सखि । हलाहल न. एक उम्र जहर । हलाहला स्त्री [दे] बाम्हनी, एक जन्तु । हलि पुं' [ हलिन् ] बलराम, बलभद्र । हलिअ वि [हालिक ] हल जोतनेवाला । 'हलिअ देखो फलि । हलिआ स्त्री [हलका ] छिपकली । हलिआर देखो हरि-आल = हरि-ताल | हलिद्द पुं [हरिद्र, हारिद्र ] वृक्ष - विशेष | पीला रंग । न. नाम-कर्म का एक भेद, जिसके उदय से जीव का शरीर हल्दी के समान पीला होता है । पत्त' चतुरिन्द्रियजन्तु की एक जाति । पुं [ मत्स्य ] मछली की एक जाति । हलिद्दा | स्त्री [ हरिद्रा ] औषधि-विशेष, हलद्दी हल्दी | [ 'पत्र ] मच्छ Jain Education International ८८३ हलीसागर पुं [ हलिसागर ] मत्स्य की एक जाति । हलुअवि [लघुक] हलका | हर वि [दे] सतृष्ण, सस्पृह । हले अ. हे सखि, सखी का संबोधन । हल्ल अक [ दे] हिलना, चलना । हल्ल पुं. एक अनुत्तर- गामी जैन मुनि । हल्लअ न [ हल्लक] पद्म-विशेष, रक्त कह्लार । हल्लपfor a [] शीघ्र । हल्लप्फल न [ दे] हड़बड़ी, औत्सुक्य, त्वरा । आकुलता । वि. कम्पनशील, चञ्चल | व्याकुलपन हल्लफल देखो हल्लप्फल । हल्लाविवि [] हिलाया हुआ । हल्लीस पुं [दे] रासक, मण्डलाकार होकर स्त्रियों का नाच | हल्लुत्ताल हल्लुत्तावल हल्लुप्फल देखी हल्लप्फल । हल्लोहल देखो हल्लप्फल । हल्लोहलिय पुंस्त्री [दे] सरट, गिरगिट | हव अक [ भू ] होना । सक. प्राप्त करना । 'हव देखो भव = भव । न] [] शीघ्रता । हवण न [हवन ] होम | हवि पुंन [ हविस् ] घी । हवनीय वस्तु । हविअवि [] क्षित, चुपड़ा हुआ । हव्व वि [ हव्य] हवनीय पदार्थ । 'वह पुं. वाह पुं. अग्नि । हव्त्र वि [अर्वाच् ] अवर । न शीघ्र । नः गृहवास । 'हव्व देखो भव्य = भव्य | हस अ हस अ [स्] हँसना । सक. उपहास करना । [ह्रस् ] हीन होना, कम होना । हस ' [हास] हास्य | स्त्री. णा । हसहस अक [ हसहसाय् ] उत्तेजित होना । सुलगना । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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