Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 886
________________ सुह- सुहिरीमण देखो सुभ । 'अपि [६] मंगलकारी | | [मिक] पुण्यशाली । काम वि. मङ्गल की चाहवाला । गर वि [° कर ] मङ्गल-जनक । °णामा स्त्री ['नामा ] पक्ष को पाँचवीं, दसवीं तथा पनरहवीं रात्रि | थिवि [न्]ि शुभेच्छक । शुभ अर्थवाला | 'द देखो "अ । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष गुह न [सुख ] आनन्द, चंन । आराम, शान्ति । निर्वाण । विजितेन्द्रिय । सुखप्रद । अनुकूल | सुखी । 'अवि [द] सुखदायक | 'इत्तअवि ['वत् ] सुखी । 'कर वि. सुखजनक । "कामिवि [कामिन् ] । त्थिवि [थिन् | सुखाभिलाषी । 'द वि., 'दाय वि. सुख- दाता । " फंस वि [स्फर्श ] कोमल । 'वर देखो कर | संज्ञा स्त्री ['सन्ध्या ] सुख-जनक सायंकाल | वह वि. सुखजनक । पुंन. एक पर्वत शिखर । [सन] आसन विशेष, पालकी । [का] सुख से बैठना । सण न सिया सुहउत्थि स्त्री [दे) दुती । सुहंकर वि [सुखकर ] सुख-कारक । सुहकर वि [ शुभकर | शुभकारक । पुं. एक afra का नाम । सुहंभर वि [सुखम्भर | सुखी । सुहग देखा सुभग । सुपुं [सुभट] योद्धा । वि सुहत्य [सुहस्त] अच्छा हाथवाला, हाथ से शीघ्र शीघ्र काम करनेवाला । दाता । सुहत्थि पुं ( हस्तिन् ] गन्ध-हस्ती एक जैन 1 म सुहद्द न [सौहार्द ] स्नेह । मित्रता । सुमन [सूक्ष्म] फूल | देखो सह, सुहुम Jain Education International = सूक्ष्म । सुहम्म पुं [सुधर्मन् ] भ० महावीर का पट्टधर शिष्य । बारहवें जिनदेव का प्रथम शिष्य । एक यक्ष । सामि पुं ['स्वामिन् ] भ० ८६७ महावीर का पट्टधर शिष्य । देखो सुधम्म । सुहम्म° देखो सुहम्मा । वइ पुं [पति ] इन्द्र | सुहम्ममाण वि [सुहन्यमान ] जो अच्छी तरह मारा जाता हो वह । सुहम्मा स्त्री [सुधर्मा] इन्द्रों की देव सभा | सहय देखो सुह-अ = सुख-द, शुभ-द । सुह देखो सुभग । सुहर वि [सुभर] सुख से भरने - योग्य । सुरअ देखो सुहराय । सुहरा स्त्री [ दे. सुगृहा] पक्षि-विशेष, सुघरी । सुहराय पुं [दे । वेश्या का घर । गौरैया पक्षी । सुहल्ली स्त्री [दे] सुख, आनन्द । सुहव देखो सुभव | सुहा अक [सु + भा] अच्छा लगना । सुहा देखो छुहा = सुधा | 'कम्मत न [ 'कर्मान्त ] चूप का कारखाना । 'हार पुं. देव | सुहा सुहाअ सुहाव सुहाव देखो सहाव = स्वभाव | [ख] सुख पाना । सक. सुखी करना । सुहावण वि [ सुखायन] सुख जनक | वि [सुनायक] । सुहावय सुहासिय वि[सुभाषित ] सम्यग् उक्त । न. सुहि सुहिअ } सुन्दर वचन, सूक्त । सुहि वि[सुखिन् ] सुख-युक्त । पुं [सुहृद्] मित्र । सुहि वि [सुहित ] तृप्त । सुन्दर हितवाला । सुहिर देखो सुसिर । हिरणा सुहिरणिया वृक्ष - विशेष | सुहिरीमण वि [ सुह्रीमनस् ] अत्यन्त For Private & Personal Use Only स्त्री [सुहिरण्या, पियका ] वनस्पति- विशेष, पुष्प-प्रधान www.jainelibrary.org

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