Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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साण - सामइग
साण पुंस्त्री [ श्वान] कुत्ता । स्त्री. पुं. छन्द
विशेष |
सा वि [ श्यान] निबिड, घनीभूत । साण पुं [शाण, शान] शस्त्र को घिस कर तीक्ष्ण करने का यन्त्र ।
साण वि [शाण] सन या पाट का ।
साण देखो सासायण ।
साणइअ वि [ दे. शाणित] उत्तेजित ।
}
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
सांनिध्य ।
सालसटु (अप) देखो सद्दूल-सट्ट ।
साध देखो साह = साधय् । साधग देखो साहग ।
न [शाणक] सन का बना वस्त्र । स्त्री [शाणि] ।
साणय
साणि
साणि वि [ दे] शान्त ।
साणी स्त्री [शाणी] देखो साणि ।
लट्ठिया
सान [सानु ] पर्वत का समान भूमि वाला प्रदेश | °मंत पुं [°मत्] पर्वत । स्त्री [यष्टिका ] ग्राम- विशेष । साणुक्कोस वि [ सानुक्रोश] दयालु | साणुप्पग न [सानुप्रग] प्रातःकाल, प्रभात । सबंध वि [ सानुबन्ध] निरन्तर, अविच्छिन्न
प्रवाहवाला ।
साणुबीय वि [ सानुबीज] जिसमें उत्पादनशक्ति नष्ट न हुई हो वह बीज ।
साणुवाय वि [ सानुवात] अनुकूल पवनवाला । साणुस वि [ सानुशय] अनुतापयुक्त | सारन [दे] देव-गृह ।
सात न. सुख । वि. सुखवाला । स्त्री. 'ता | वेणज्जन [वेदनीय] सुख का कारणभूत कर्म ।
साति देखो साइ = स्वाति, सादि, साचि, साति ।
सातिज्जणया देखो साइज्जणया । साद पुं. अवसाद, खेद ।
सादिव्व वि [ सदैव ] देवता - प्रयुक्त, देव कृत । सादिव्व देखो सादेव्व ।
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साधम्म देखो साहम्म । साधम्मिr देखो साहम्मिअ ।
साधारण देखो साहारण = साधारण । साधारणा स्त्री [संधारणा] वासना, धारणा, स्मरणशक्ति ।
साधी देखो साहीण ।
सापद (शौ) देखो सावय = श्वापद ।
साफल्ल देखो साहल्ल | साफल्या
}
साबाह वि [साबाध] आबाधा सहित । साभरग पुं [दे. साभरक] रुपया, सोलह आने का सिक्का ।
साभव्व देखो साहव्व । साभाविक देखो साहाविअ । साभाविय
}
८३३
साम पुंन [ सामन् ] शत्रु को वश करने का उपाय - विशेष, एक राजनीति । प्रिय वाक्य | एक वेद-शास्त्र | मैत्री, शर्करा आदि मिष्ट वस्तु । सामायिक | "कोट्ट पुं [ 'कोष्ठ ] ऐरवत वर्ष में उत्पन्न एक्कीसवें जिनदेव | देखो सामि कुट्ठ |
सादीअ देखो साइय = सादिक ।
सादी गंगा स्त्री [ सादीनगङ्गा ] आजीविक सामइअ देखो सामाइअ ।
सामइअ
साम पुं [ श्याम ] कृष्ण वर्ण । हरा वर्ण । नीला रंग । वि. काला वर्णवाला । हरा वर्णवाला । पुं. परमाघमी देवों की एक जाति । एक जैन मुनि, श्यामार्य । न. गन्धतृण । पुंन. आकाश । हत्थि पुं ['हस्तिन् ] भ० महावीर का शिष्य एक मुनि । सामइव [प्रतीक्षित | जिसकी प्रतीक्षा की गई हो वह ।
मत में उक्त एक परिमाण ।
सादेव्व न [ सादिव्य ] देव का अनुग्रह - सामइग
१०५
पुं [ सामयिक ] एक गृहस्थ 1 वि. समय - सम्बन्धी । सिद्धान्त
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