Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 859
________________ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष साहण-साहारण रुपया आदि) हो । हजार का परिमाणवाला । न हजार । मल्ल पुं. व्यक्तिवाचक नाम । साहण न [साधन] उपाय, कारण । सैन्य । साहस्सिय वि [ साहस्रिक ] हजार का वि. सिद्ध करनेवाला । परिमाणवाला । हजार आदमी के साथ लड़नेवाला मल्ल | साहस्सी स्त्री [साहस्री] हजार । साहा स्त्री [ श्लाघा] प्रशंसा | साहा [स्वाहा ] देवता के उद्देश से द्रव्यत्याग का सूचक अव्यय, आहुति-सूचक शब्द । साहा स्त्री [ शाखा ] एक ही आचार्य की संतति में उत्पन्न अमुक मुनि की सन्तानपरम्परा । वृक्ष की डाल । वेद का एक देश । 'भंग पुं [भङ्ग ] शाखा का टुकड़ा, पल्लव | 'मय, मिअ, मिग पुं [ मृग ] वानर | °र, लवि ['वत्] शाखावाला । पुं. वृक्ष साहासाहि पुं [दे] शक देश का सम्राट | साहार सक [ सं + धारय् ] अच्छी तरह धारण करना । ८४० साहण सक [ सं + न् संघात करना, संहत करना, चिपकाना। साहणण न [ संहनन] संघात, अवयवों का आपस में चिपकाना । साहणि पुं [साधनिक] सेना-पति । साहत्थिं अ [ स्वहस्तेन ] अपने हाथ से | साक्षात् । साहत्थिया } स्त्री [स्वाहस्तिकी] क्रियासाथी विशेष, अपने हाथ से गृहीत जीव आदि द्वारा हिंसा करने से होनेवाला कर्म-बन्ध | साहम्म न [ साधर्म्य ] समान धर्मं । सादृश्य | साहम्मि वि [ सधर्मिन्, साधर्मन् ] साहम्मिअ समान धर्मवाला | एक धर्मी । साहम्मिग स्त्री. 'णी । वि [ साधर्मिक ] | } साहय देखो साग । साहय वि [ संहृत] संक्षिप्त, समेटा हुआ । साहर सक [ सं + वृ] संवरण करना । साहर सक [ सं + हृ] संकोच करना । संक्षेप करना । स्थानान्तर में ले जाना । अन्यत्र फेंकना । प्रवेश कराना । छिपाना । व्यापाररहित करना । साहय वि [] गत-मोह | साहल्ल न [साफल्य ] सफलता । साहव देखो साहु = साधु | साहव न [साधव ] साधुता । साहव्व न [ स्वाभाव्य ] स्वभावता । साहस न. बिना विचार किया जाता काम | पुं. विद्याधर नरेन्द्र, साहस गति । गइ पुं [हि] वह अर्थ | साहस देखो साहस्स = साहस्र | साहसिअ वि [ साहसिक ] साहस कर्म करने वाला । साहस्स वि[साहस्र ] जिसका मूल्य ह्जार ( मुद्रा, Jain Education International साहार पुं [सहकार] आम का गाछ । साहार पुं [दे. साधुकार ] साहुकार । साहार पुं [ सदाधार, सहकार ] अच्छा आधार, अवलम्बन, मदद, उपकार । साहार वि[साहकार] आम के गाछ से उत्पन्न, आम्रवृक्ष - सम्बन्धी । साहार पुंन [साधारण] जहाँ एक शरीर साहारण में अनन्त जीव हों वह वनस्पति, कन्द आदि । जिसके उदय से साधारणवनस्पति में जन्म हो वह कर्म । कारण । पुं. साधारण वनस्पति-काय का जीव । वि. सामान्य । समान । पुंन उपकार सहायता । 'सरीरनाम न [ 'शरीरनामन् ] ऊपर का दूसरा अर्थ | साहारण न [संधारण ] ठीक तरह से धारण करना, टिकाना | साहारण न [स्वाधारण ] सहारा करना, उपकार करना । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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