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५८८ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
पुड-पुणोत्त आच्छादन । कमल । भेयण न [°भेदन] पुढोजग वि [दे. पृथग्जक] पृथग्भूत, भिन्न नगर । °वाय पुं [°पाक] पुट-पात्रों से ओषधि । व्यस्थित । का पाक-विशेष । पाक-निष्पन्न ओषध । पुढोवम वि [पृथिव्युपम] पृथिवी की तरह पुड (शौ) देखो पुत्त = पुत्र ।
सब सहन करनेवाला। पुडइअ वि [दे] पिण्डीकृत, एकत्रित । | पुढोसिय वि [पृथिवीश्रित] पृथिवी से आश्रित । पुडइणी स्त्री (दे. पुटकिनी] कमलिनी । पुण सक [ पू] पवित्र करना। धान्य आदि पुडग पुन [पुटक] देखो पुट : पुट । __ को तुषरहित करना, साफ करना । पुडपुडी स्त्री [दे] मुंह से सीटी बजाना, एक पुण अ [पुनर् ] इन अर्थों का सूचक अव्ययप्रकार की अव्यक्त आवाज ।
भेद, विशेष । अवधारण, निश्चय । अधिकार, पुडम देखो पुढम।
प्रस्ताव । द्वितीय बार, बारान्तर । पक्षान्तर । पुडय देखो पुडग।
समुच्चय । पादपूत्ति में प्रयोग । °करण न. पुडिंग न [दे] मुह । बिन्दु ।
फिर से बनाना । वि. जिसको फिर से बनावट पुडिया स्त्री [पुटिका] पुड़ी, पुड़िया । की जाय । °ण्णव वि [°नव] फिर से नया पुड्ड (शौ) देखो पुत्त = पुत्र ।
बना, ताजा । °पुण अ [°पुनर् ] फिरपुढं देखो पिहं।
फिर । 'पुणक्करण न [ पुनःकरण ] पुढम वि [प्रथम] पहला ।
बारम्बार निर्माण । ब्भव पुं [°भव] फिर पुढवि' देखो पुढवी । वाइय, "क्काइय वि | से उत्पत्ति, जन्म । °ब्भू स्त्री [°भू ] फिर से ['कायिक] पृथिवी शरीरवाला। "क्काय | विवाहित स्त्री । °रवि, रावि अ [ अपि] देखो पुढवी-काय ।
फिर भी । प्रावित्ति स्त्री [°आवृत्ति] पुनः पुढवी स्त्री [पृथिवी] धरती। काठिन्यादि | आवर्तन । °रुत्त वि [°उक्त] फिर से कहा गुणवाला पदार्थ, द्रव्य-विशेष - मत्तिका, हुआ । °वि अ ["अपि] फिर भी। "व्वसु पाषाण, धातु आदि । पृथिवीकाय का जीव । पुं [°वसु] नक्षत्र-विशेष । आठवें वासुदेव के ईशानेन्द्र के एक लोकपाल को अग्र-महिपी। पूर्व जन्म का नाम । एक दिक्कुमारी देवी । भगवान् सुपार्श्वनाथ पुण (अप) देखो पुण्ण = पुण्य । "मंत वि की माता । °काइय देख। पुढवि-काइय। [°मत्] पुण्यशाली । °काय वि. पृथिवी शरीरवाला (जीव)। पुणअ सक [ दृश् ] देखना । °वइ पुं[°पति] राजा । सत्थ न [°शस्त्र] पुणइ पुं [दे] चाण्डाल । पृथिवी रूप शस्त्र । पृथिवी का शस्त्र, हल, पुणण वि [पवन] पवित्र करनेवाला। कुद्दाल आदि । देखो पुहई, पुहवी। पुणरुत्त । अ. कृत-करण, बारम्बार, फिर-फिर । पुढीभूय वि [पृथग्भूत] जो अलग हुआ हो । पुढुम वि [प्रथम] पहला, आद्य ।।
पूणा पुढो अ [पृथग् ] अलग, भिन्न । 'छंद वि पुणाइ अ. देखो पुण = पुनर् । [°छन्द] विभिन्न अभिप्रायवाला । °जण पुं। पुणाई । [°जन] साधारण लोक । 'जिय पुं [जीव| पुणु (अप) देखो पुण = पुनर् । विभिन्न प्राणी। विमाय, 'वेमाय वि पुणो देखो पुण = पुनर् । [विमात्र] बहुविध ।
पुणोत्त देखो पुण-रुत्त, पुणरुत्त ।
पुणरुत्तं ।
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