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'लोअ पुं [°लोक ] मनुष्य लोक | 'वइ पुं | [पति] राजा । ' वर पुं. राजा । उत्तम पुरुष । वरिंद पुं [वरेन्द्र ] भूमि-पति । 'वरीसर पुं ['वरेश्वर ] श्रेष्ठ राजा । 'वसभ, 'वसह पुं [वृषभ ] देखो 'उसभ । नृपति । पुं. हरिवंश का एक राजा । वाल पुं [पाल ] भूपाल | वाहण पुं [वाहन ] एक राजा । वेय पुं [वेद] पुरुष वेद, पुरुष को स्त्री के स्पर्श की अभिलाषा । सिंघ, सिंह, सीह पुं [सिंह ] श्रेष्ठ मनुष्य । अर्धभाग में पुरुष का और अर्धभाग सिंह का आकारवाला, श्रीकृष्ण । सुंदर [सुन्दर ] एक राजा विपुं [प] नरेश |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
इंदय पुं [नरकेन्द्रक] नरक-स्थान- विशेष । परकंठ पुं [ नरकण्ठ] रत्न की एक जाति
णरग
णरय
}
पुं [ नरक] नारक जीवों का स्थान । 'वाल, वालय पुं [पाल, क] परमाधार्मिक देव जो नरक के जीवों को यातना (पीड़ा) देते हैं । रसिंह पुं [ नरसिंह] बलदेव । एक राजकुमार ।
णराच
पुंन [ नाराच] लोहमय बाण ! णराअ संहनन - विशेष, शरीर की रचना का एक प्रकार । छन्द - विशेष ।
रायण पुं [ नारायण ] विष्णु । रिंद पुं [नरेन्द्र] राजा । गारुड़िक
[कान्त ] देव-विमान- विशेष | [पथ ] राज मार्ग । 'वसह पुं
श्रेष्ठ राजा ।
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कंत न
[वृषभ ]
रीस पुं [ नरेश ] राजा ।
परीसर पुं [ नरेश्वर ] राजा ।
रुत्तम पुं [ नरोत्तम] श्रीकृष्ण । उत्तम पुरुष । नरेंद देखो रिंद |
णरेसर देखो णरीसर |
लन [न] भीतर से पोला शराकार तृण । ल न [ नल] ऊपर देखो । पुं. राजा रामचन्द्र का एक सुभट | वैश्रमण का एक पुत्र । "कुब्बर, कूवर पुं [कूबर] दुर्लधपुर का एक राजा । वैश्रमण का एक पुत्र । गिरि पं. चण्डप्रद्योत राजा का एक हाथी । णलय न [दे] उशीर, खस का तृण । लाड देखो णडाल ।
णलाडंतव वि [ ललाटन्तप] ललाट को तपाने
वाला ।
गलिअ न [ दे] मकान ।
इंदय - णव
लिण न [ नलिन] लगातार तेईस दिन का उपवास । पुंन. एक देव - विमान । रक्त कमल । महाविदेह वर्ष का एक प्रदेश - विशेष । 'नलिनांग' को चौरासी लाख से गुणने पर जो संख्या लब्ध हो वह । देव-विमान- विशेष । रुचक पर्वत का एक शिखर [° कूट ] वक्षस्कार- पर्वत- विशेष [गुल्म] देव-विमान- विशेष । नृप - विशेष | अध्ययन - विशेष । राजा श्रेणिक का एक पुत्र । वई स्त्री [ती] विदेह वर्ष का एक प्रदेश- विशेष |
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कूड पुं
।
'गुम्म न
पह पुंलिणी
लिणंग न [ नलिनाङ्ग] संख्या- विशेष, पद्म को चौरासी लाख से गुणने पर जो संख्या लब्ध हो वह ।
णलिणि
}
स्त्री [ नलिनी] कमलिनी । गुम्म देखो णलिण-गुम्म । 'वण न [ वन] उद्यान - विशेष । लोग पुं [ नलिनोदक ] समुद्र - विशेष |
रित्तरवडग न [ नरेन्द्रोत्तरावतंसक ] णल्लय न [ दे] बाड़ का छिद्र । प्रयोजन | देव-विमान- विशेष |
निमित्त | वि. कोचवाला ।
व देखो णम |
व वि [नव ] नूतन । वहुया, 'वहू स्त्री [व] नवोढ़ा
णव त्रि. व. [नवन्] संख्या - विशेष, नव । इ
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