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गहण - गाम
कारण । आक्षेपक ।
गहण न [ग्राहण] अङ्गीकार कराना । निबिड़, दुर्भेद्य ।
वन,
गहण वि [ गहन ] झाड़ी । वृक्ष का कोटर । अरण्य क्षेत्र । ● विदुग्गन [विदुगं] पर्वत के एक प्रदेश
में स्थित वृक्ष वल्ली समुदाय । गहण न [ दे] निर्जल-स्थान । बन्धक | गहणय न [दे] आभूषण ।
गहणया स्त्री [ग्रहण ] ग्रहण, उपादान | गहणी स्त्री [ग्रहणी] गुदाशय । गहणी स्त्री [ग्रहणी] पेट ।
गहणी स्त्री [दे] जबरदस्ती हरण की हुई स्त्री,
बांदी |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
गहत्थि पुं [गभस्ति | किरण |
हरपुं [] गृ ।
हर पुंन [गर] निकुञ्ज । जङ्गल । दम्भ, कपट | विषम स्थान । रोदन । गुफा । अनर्थों का सङ्कट |
अनेक
गहवर पुं [गृहपति ] कृषक । गवई व [] ग्रामीण । पुं. चन्द्रमा । गहि वि [दे] मोड़ा हुआ, टेढ़ा ।
गहि वि [ गृहोत] स्वीकृत | पकड़ा हुआ । ज्ञात, उपलब्ध |
अवि [गृद्ध] आसक्त, तल्लीन ।
हि स्त्री [] काम-भोग के लिए जिसकी प्रार्थना की जाती हो वह स्त्री । ग्रहण करने योग्य स्त्री ।
गहिर वि [गभीर] गहरा, गम्भीर, अस्ताघ । गहिल वि [ ग्रहिल ] भूतादि से आविष्ट, पागल । गहिलिय वि [ दे. ग्रहिल ] आवेश-युक्त, गहिल्ल पागल, भ्रान्त-चित्त । गहीअ देखो गहिअ = गृहीत | गहीर देखो गभीर |
हरिअ न [गाभीर्य ] गहराई | गहीरिम पुंस्त्री [गभीरिमन् ] गम्भीरता । गत (अप) देखो गह = ग्रह । गहु इ
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सक [] गाना | वर्णन करना ।
श्लाघा करना ।
गा गाअ
गाअ पुं [गो] बैल,
वृषभ, साँड़ ।
गाअ न [गात्र ] शरीर । शरीर का अवयव । गाअ वि [ गायक ] गानेवाला । गाअंक पुं [गवाङ्क] महादेव । गाअण वि [ गायन] गवैया |
गाइअ वि [ गोत] गाया हुआ । न. गीत । गाइआ स्त्री [गायिका ] गानेवाली स्त्री । गाई स्त्री [गो] गया ।
गाउ
न [गव्यूत ] कोस, क्रोश, दो हजार धनुष - प्रमाण जमीन । दो कोस ।
गाउअ
गाऊअ
गागर पुं [दे] स्त्री को पहनने का वस्त्र - विशेष, लहँगा, घाँघरा । मत्स्य - विशेष ।
गागरी [दे] देखो गायरी | गालि पुं. एक जैनमुनि । गागेज्ज वि [] मथित । गागेज्जा स्त्री [दे] दुलहिन । गाडि वि [] विधुर, वियुक्त । गाढ वि. निविड़ | मजबूत | गाण न [गान] गीत | गाण वि [ गायन] गवैया |
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गाणंगणि पुं [गाणङ्गणिक] छः ही मास के भीतर एक साधु-गण से दूसरे गण में जानेवाला साधु | गाणी स्त्री [दे] गोचर भूमि । गाथा देखो गाहा ।
गाध वि. कम गहरा ।
गाम पुं [ग्राम ] समूह । प्राणि-समूह, जन्तुनिकर । गाँव, वसति । इन्द्रिय-समूह | कंडग, कंडय पुं [ कण्टक] इन्द्रियसमूह रूप काँटा । दुर्जनों का रुक्ष आलाप, गाली | घाय वि [° घातक ] गाँव का नाश करनेवाला । णिद्धमण न [°निर्धमन ] नाला | धम्म ' [ धर्म] विषयाभिलाष | इन्द्रियों का स्वभाव । विषय-प्रवृत्ति । मैथुन ।
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