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उत्तंघ-उत्तर
उत्तंघ देखो उत्थंघ = रुध् । उत्तंघ देखो उत्तंभ |
संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष
उत्तंत देखो वृत्त । उत्तंपि वि [ दे] खिन्न, उद्विग्न । उत्तंभ सक [उत् + स्तम्भ्] रोकना । सहारा देना |
उत्तंभय वि [उत्तम्भक] रोकनेवाला । अवलम्बन देनेवाला, सहायक । उत्तंस पुं [अवतंस ] शिरोभूषण । उत्तंस पुं [उत्तंस] कर्णपूरक, कर्णभूषण । उत्तइव [] उत्तेजित अधिक दीपित । उत्तणवि [] गवस । देखो उत्तुण । उत्तणवि [उत्तण] तृणवाली जमीन । उत्तणुअवि [उत्तनुक] अभिमानी । उत्तत्तवि [उत्तप्त] बहुत गरम । उत्तत्तवि [] अध्यासित, आरूढ़ । उत्तत्थ वि [उत्त्रस्त] भयभीत, त्रास प्राप्त उत्तद्ध देखो उत्तरद्ध :
उत्तप्प व [] अभिमानी । अधिक गुणवाला । उत्तप्प वि [उत्तप्त ] देदीप्यमान । उत्तम पुं. एक दिन का उपवास । वि. श्रेष्ठ, सुन्दर । मुख्य । परम, उत्कृष्ट । अन्तिम । पुं. मेरुपर्वत । संयम, त्याग । राक्षस वंश का एक राजा, स्वनाम-ख्यात एक लङ्केश । ट्ठपुं. [[ ] श्रेष्ठ वस्तु । मोक्ष । मोक्षमार्ग । अनशन, मरण । ण वि [f] लेनदार । उत्तम वि [उत्तमस् ] अज्ञान - रहित । उत्तमंग न [उत्तमाङ्ग ] मस्तक । उत्तमा स्त्री णायाधम्मकहा' का एक अध्ययन । इन्द्राणी । पक्ष की प्रथम रात्रि ।
उत्तम अक [उत् + तम् ] खिन्न होना, उद्विग्न होना । दिलगीर होना ।
उत्तर अक [उत् + तृ] उतरना, नीचे आना । बाहर निकलना । सक. पार करना । उत्तर अक [ अव + तृ] उतरना, नीचे आना । उत्तर वि. श्रेष्ठ, प्रशस्त । प्रधान । उत्तर-दिशा में रहा हुआ । उपरि-वर्त्ती । अधिक, अति
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रिक्त । अवान्तर भेद शाखा । ऊन का बना हुआ वस्त्र, कम्बल वगैरह । न. प्रत्युत्तर | वृद्धि । पुं. ऐरवत क्षेत्र के बाईसवें भावी जिनदेव का नाम । वर्षा-कल्प | आर्यमहागिरि के प्रथम शिष्य । कंचुय पुं [ कञ्चुक ] बख्तर-विशेष । 'करण न. उपस्कार, संस्कार, विशेष - गुणाधान । कुरा स्त्री [ कुरु ] स्वनाम - ख्यात क्षेत्र विशेष | ° कुरु पुं. वर्ष - विशेष | देव - विशेष | 'कुरुकूड न [° कुरुकूट ] माल्यवन्त पर्वत का एक शिखर | देव-विशेष | 'कोडि स्त्री ['कोटि ] सङ्गीतशास्त्रप्रसिद्ध गान्धार-ग्राम की एक मूर्च्छना | गंधारा स्त्री ['गान्धारा] देखो पूर्वोक्त अर्थ । 'गुण पुं. शाखा गुण, अवान्तर गुण । चावाला स्त्री नगरी - विशेष । 'चूल [चूड] गुरुवन्दन का एक दोष, गुरु को वन्दन कर बड़े आवाज से 'मत्थएण वंदामि' कहना | 'चूलिया स्त्री [° चूलिका] देखो अनन्तर उक्त अर्थ । ड्ढ न [°Tधं] पिछला आधा भाग, उत्तरा । दिसा स्त्री [दिश् ] उत्तर- दिशा । 'द्ध न [T] पिछला आधा भाग । पगइ पयsि स्त्री [° प्रकृति ] कर्मों के अवान्तर भेद | 'पन्चत्थिमिल्ल पुं [पाश्चात्य ] वायव्य कोण । पट्ट पुं. बिछौना के ऊपर का वस्त्र | पारणग न [पारणक] उपवासादि व्रत की समाप्ति, पारण । 'पुरच्छिम, पुरत्थम पुं [पौरस्त्य ] ईशान कोण । ° पोटुवया स्त्री [प्रोष्ठपदा ] उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र | फग्गुणी स्त्री [फाल्गुनी] उत्तर- फाल्गुनी नक्षत्र । 'बलिस्सह पुं. एक प्रसिद्ध जैन साधु । उत्तर बलिस्सह- नामक स्थविर से निकाला हुआ एक गण, भगवान् महावीर का द्वितीय गणसाधु सम्प्रदाय | भद्दवया स्त्री [भाद्रपदा ] नक्षत्र - विशेष | 'मंदा स्त्री. मध्यम ग्राम की एक मूर्च्छना । महुरा स्त्री [ "मथुरा ] नगरी - विशेष । 'वाय पुं [वाद] उतरवाद |
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