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लघुक्षेत्रसमासप्रकरण.
០៦ बे श्रेणि, तेणीएं सहित जे. एटले दक्षिण दिशाएं पंचावन नगर अने उत्तर दिशाएं पण पंचावन नगर ते देशनी राजधानी सहित जे. एवं के एणे प्रकारे खयरपुरा के विद्याधरनां नगर सर्व एकगं गणीएं तेवारे सगतीस सयाईचालाई के० त्रण सहस्त्र अने सातसें चालीश थाय. ति गाथार्थ ॥ २ ॥
॥ ते चोत्रीश वैताढ्यने विषे बेबे गुफा जे तेहन स्वरूप कहे . ॥ गिरिविबर दीदा ॥ अडुच्च चउ पिहुपवेसदारा ॥
बारस पिहलाज अड, च्च यान वेयगुदा ॥७३॥ - अर्थ-वेयहागुहा के वैताढ्य पर्वतने विषे बेबे गुफा . ते गुफा केवी ? गिरि विवरदीहा के गिरि जे वैताढ्यपर्वत तेनुं जे विस्तार ले ते सरखी पचाश योजन दीर्घ एटले लांबी जे; वली ते गुफा केवी ? अमुच्च के श्राप योजन ऊंचा अने चलपिहु के चार योजन पहोला अने चार योजन पवेस के प्रवेश एवा दक्षण अने उत्तरने सन्मुख दारा के बे बारणां तेणे करी सहित जे. वली गुफाउं केवी ? बारस पिहलाज के बार बार योजन मांहेली कोरे पहोली तथा अडुच्चयाज के पाठ योजन ऊंची एवी बेबे गुफा ते गंगा, सिंधु, रक्ता, अने रक्तवतीने विचाले जे चोत्रीश वैताढ्य तेने विषे जे. ॥ ३ ॥
॥ ते गुफाने विचाले बे नदी ले ते वखाणे . ॥ तम्मजिज्जोयण अं, तरान ति ति विबरान उनई॥
जम्मग्ग निमग्गा ॥ कमगान महान गया ॥४॥ अर्थ- तम्मन पुजोयण अंतरा के ते गुफा लांबपणे पचास योजननी बे, ते गुफाना मन एटले विचेना उजोयण एटले पचीसमुं तथा वीसमुंए बे योजन- आंतरं
जेबे नदी विचे एहवीबे नदी ले जे गुफाने विषे. वली ते बे नदी केहवी ? तिति के त्रणत्रण योजनने विस्तारे बे. वली केहवी ? उम्मग्गा निमग्गा एहवां के नाम जेमना. वली नदी केहवी ? कमगाउ के पर्वतमांदेला जे मोहोटा पाषाण तेमांथी निकलीने महानगया के महामोहोटीनदी जे गंगासिंधूप्रमुख ने तेमांहे गमन करनारी ॥
इह पइनित्तिंगुणव, नमंडले लिदइ चक्कि उसमुदे ॥ .. पण सय धणुहपमाणे बारेगडजोयणुजोए ॥ ५॥ ___ अर्थ-श्ह के ए गुफामांहे पश्नित्ति के प्रतिनितीएं एटले बन्ने बाजुनी जितने विषे चकि के चक्रवर्ति जे जे ते गुणवन्न मंमले के गणपचास मामलाप्रते लिहर के लिखे डे, पण ते मामला केहवा ने? कुछ समुहे के बेबे साहमा सूर्यमंडल सरखा
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