Book Title: Prakaran Samucchay
Author(s): Ratnasinhsuri
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकरण समुच्चयः बाहो प्रत प्रमाण प्रकरणे SAXAMSMORECASNA अथ धनुःपृष्ठवाहासंग्रहगाथा:४ नव चेव सहस्साई छाषट्ठाई सयाई सत्तेव । धणुपिटुं भरहद्धे कला य पन्नारस हवंति ॥१।दस चेव सहस्साई सत्तेव सया हवंति तेयाला । धणुपिटुं वेयड़े कला य पन्नारस हवंति ॥ २ ॥ सोलस चेव कलाओ अहियाश्रो हुंति अद्धभागेणं । बाहा वेयड्स्स उ अट्ठासीया सया चउरो ॥३॥ चउदस य सहस्साई पंचेव सयाइं अट्ठवीसाई । इक्कारस य कलाओ धणुपिटुं उत्तरद्धस्स ॥ ४ ॥ भरहदुत्तरबाहा अट्ठारस हुंति जोयणसयाई । बाणउय जोयणाण य अद्धकला सत्त य कलाओ॥५॥धणु हिमवे कल चउरो पणवीस सहस्स दुसय तीसहिया। बाहा सोलद्धकला तेवन्नसया य पन्नहिया ॥ ६॥ अडतीस सहस सगसय चत्त धणु दस कला य हेमवए । बाहा सत्तट्ठि सए पणपन्ने तिन्नि य कलाओ॥७॥ धणु महहिमवे दस कल दो सय तेणउय सहस सगवन्ना । बाहा बाणउय सए छहत्तरी नव कलद्धं च ॥८॥ चुलसी सहसा सोलस धणु हरिवासे कला चउक्कं च । बाहा तेरसहस्सा तिसय इगसट्टा छ कल सड्डा ॥९॥ निसह धणु नव कल लक्खु सहस चउवीस तिसय छायाला । बाहा पन्नसटू सयं सहस्स वीसं दु कल अद्धं ॥१०॥ सोलस सहस्स अडसय तेसीया सतेरस कला य । पाहा विदेहमज्मे धणुपिड परिरयस्सद्धं ११ ॥ इति धनुःपृष्ठवाहासंग्रहगाथा: ॥ ॥ अथ प्रतरप्रमाणसंग्रहगाथाः॥ लक्खड्डारस पणतीस सहस्स चउसया य पणसीया। बारस कला छ विकला दाहिणभरहद्धपयरं तु ॥ ११॥ सत्तहिया तिनि सया बारस य सहस्स पंच लक्खा य । बारस य कला पयरं वेयवगिरिस्स धरणितले ॥२॥ जोयणतीसं वा से पढमाए मेहलाई पयरमिमं । लक्खातिगं तिसयरिसया चुलसी इकारस फलामो ॥३॥ दसजोयण विक्खंभे बीयाए मेहलाइ पयरमिमं । लक्खो चउवीस सय इगसट्टा दस कलाओ य ॥४|| For Private and Personal Use Only

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