Book Title: Prakaran Samucchay
Author(s): Ratnasinhsuri
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

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Page 58
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करण पुच्चयः ५४ ।। कोस तियं धणुह सयं अडवीसं तेरंगुलद्धहियं ॥१५॥ (जो० ३१६२२७ गा० ३ ध० १२८ अं० १३॥) सत्तेव य कोडिसया नउया छप्प- 1 श्रीसिद्धान्त |न्न सयसहस्साई । चउणउइं च सहस्सा सयं दिवढं च साहीयं ॥१६॥ गाउयमेगं पन्नरस धणुहसया तह धणूणि पन्नरस । सहि च अंगुलाई सारोद्धारः जंबूदीवस्स गणियपर्य' ।। १७ ।। (जो० ७९०५६९४१५० गा० १३० १५१५ अं० ६० दारं(१)। अड्डाइजा दवा दुन्नि समुद्दा य माणुसं खत्तं । पणयाल सयसहस्सा विक्खंभायामओ भणियं ॥ १८ ॥ (जो० ४५०००००) एगा जोयणकोडी लक्खा बायाल तीसइ सहस्सा । समयक्खेत्तपरिरओ दो चेव सया अउणपन्ना ॥१९॥ (१४२३०२४९) सोलस कोडी लक्खा नव कोडीसयाई कोडीलक्खेगं । पणवीस सहस्साइं गणियपयं समयखत्तस्स ॥२०॥ (जो० १६००९०१००२५०००) दारं(२) तेवढे कोडिसयं चउरासीयं च सयसहस्साई । नंदीसरवरदीवे विक्खंभो चकवालणं ।। २१ ।। (जो०१६३८४०००००) तह एस जंबुदीवो लक्खं दो लक्ख लावणसमुहो । एवं दुगुणा दुगुणा काय| व्वा जाव पनरसमो ॥२२॥ नंदीसरवरदीवो एवपमाणाण दीवउदहीणं । पच्छिमपुरिमताणं विच्चाले एस विक्खभो ॥ २३ ॥ छक्कोडिसया पणवन्न कोडि तित्तीस लक्ख परिमाणं । इय विक्खंभा परिही गणियपयं चिय मुणेयव्वं ॥२४॥(जो०६५५३३०००००) दोन्नि य कोडि सहस्सा बावत्तरि कोडि लक्ख तेत्तीसं । चउपन्न सहस्साई नउय सयं गाउयं एगं ।। २५ ।। धणुह सहस्सं इगवन्न समाहियं अंगुलाई पन्नास । एगो य जवो परिही नंदीसर अंतिमा एसा ॥ २६ ॥ (जो ० २०७२३३५४१९० गा० १ ध० १०५१० ५०ज० १) कोडाकोडीलक्खा तिन्नि उ | तह कोडिकोडिसहसा उ । एगुणचत्ता पंच उ कोडीकोडीलया हुंति ॥ २७ ॥ कोडाकोडी पनरस एगुण नवई उ कोडिलक्खाउ । कोडिसहस्स पणवीस हुंति कोडीसया तिन्नि ।। २८ ॥ पंचाणवई कोडी छावट्ठी लक्ख सहस्स तिगसयरी। पणवीस सयं गाउयमेग धणुहाण पंचसया ॥२९॥ ॥ ५४॥ छग सहिया तहवंगुलाई एगणवन्नगणियपयं । जंबूमुहदीवाणं नंदीसरआंतिमाण इमं ॥३०॥ (जो०. ३३९५१५८९२५३९५६६७३१२५ For Private and Personal Use Only

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