Book Title: Prakaran Samucchay
Author(s): Ratnasinhsuri
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

View full book text
Previous | Next

Page 72
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पकरण मुच्चयः S पौषधविधिः ।६८॥ ल सज्झाओ तस्सुवरि वंदणयं पच्चक्खाणं च ।। ४३ ।। काऊण तत्थ उवाह संदिस्सावइ तो विहियचित्तो। वत्थाई पडिलोहिय सज्झाय कुणइ ४ | उवउत्तो ।। ४४ ॥ घडियदु गुहेसांम अत्यंते सूरिए गुरुं नामउं । आवस्सियं भणित्ता पोसहसालाए वच्चेइ ।। ४५॥ इरियं पडिक्कमित्ता अंतो वसहीए वामभागमि। छत्थंडिलाई पेहे दाहणपासेऽवि एवइए ॥ ४६॥ तो काइयभूमीयवि छव्वामे दाहिणेवि छप्पेहे । पायं हत्थपमाणे दंडाउंछीण पडिलेहे ॥ ४७ ॥ एगो अन्ने चक्खू मेत्तेणं पेहयति थंडिल्ले । हरियतणाइविमुद्धे तत्तो अत्यंगए सूरे ॥ ४८ ॥ पडिकमणमंडलीए ठायंती अहक्कमेण सब्वेवि । पडिकमणं देवासयं पक्खंते पक्खियं तय ।। ४९॥ चीवंदण आयाश्याइवंदणं सव्ववयणमुच्चरणं । सामाइयस्स भणणं अइयारत्थं च उस्सग्गो ॥५०॥ चउवीसत्थयकङ्कण मुहपोत्ती वंदणं च आलोए। आलोइय उववेसिय सुत्तब्भणणं च विनयं ।। ५१ ॥ वंदणयं खामणयं वंदणयं चेव तहय दायव्वं । आयरियाई गाहा सामाइय तिन्नि उस्सग्गा ।। ५२ ।। सुयखेत्तदेवयाए उस्सग्गा दुन्नि हुंति नायव्वा । मोहपोत्ती वंदणयं इच्छामो वयणमुच्चरणं ॥५३ ।। तिन्निथुई सकथओ छोभं तह बंदणं च दायव्वं । थोत्तं चिय विन्नेयं | तिन्नेव य छोभवंदणया ॥५४॥ इति देवसियं पडिक्कमणं । मुहपोत्ती वंदणयं संबुद्धाखामणं तहाऽऽलोए। बंदण पत्तेयं खामणाणि बंदणय सुत्तं च ॥ ५५ ।। सुत्तं अभुट्ठाणं उस्सग्गो पुत्ति वंदणं वहय । पज्जते खामणया तह चउरो छोभवंदणया ॥५६ ॥ इति पाक्षिकम् ॥ तत्तो सोहिनिमित्तं दिवसच्चरियस्स पायच्छित्तस्स । उस्सग्गं पकरिय देवसुगुरुगुणवन्नणं काउं ।। ५७॥ सज्झायं पुब्बंपिव संदिस्सावितु जह समाहीए । किच्चा | सज्झायं तो वंदिय पोतिं पमज्जेइ ॥ ५८ ॥ वंदिय राईसंथारयमि ठायह नमित्तु राइए । संथारयमि ठातह तत्तो सकत्थयं भणइ ॥ ५९॥ संथारभुवं संथारउत्तरावयं च पेहेइ । तो पोत्तियाएँ देहं पमज्जई भणिय निस्सीही ॥ ६० ॥ संथारगंमि निविसइ नवकारं सरिय जह समाहीए । अणुजाणउ मज्झ गुरु इच्चाई भणइ गाहाओ ॥ ६१।। अणुजाणह मज्झ गुरू बाहुवहाणेण वामपासेणं । कुक्कुडिपायपसारण अतरंतु ॥ ६८॥ 064 For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133