Book Title: Prakaran Samucchay
Author(s): Ratnasinhsuri
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

View full book text
Previous | Next

Page 59
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मकरण समुच्चयः ५५ ॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गा० ९ ६०५०६ अं० ४९ दारं (३) । रयणमओ मेरुगिरी जोयणसहसं च भूमिगो होइ । नवनउई उब्विद्धो नाभिसमो सव्वलोयस्स ॥ ३१ ॥ मूले दस एक्कारसभागा नउया य जोयणसहस्सा । इस एसो विक्खंभो परिही पुण जोयणसहस्सा (१००९० भा०१०) ।। ३२ ।। इंगतीसं नव सय इस सहिया तिन्नि य इगारसा भागा (३१९१० । ३-११) भूविक्खंभो दस सहस्त (१००००) परिहि इगतीस सहसा उ ||३३|| छस्सय तेवीसहिया (३१६२३) सहसं पुण होइ उवरि विक्खंभो (१००० ) । परिही बावट्ठ सवं तिन्नेव य जोयण सहस्सा ॥ ३४ ॥ (जो ३१६२) । मूले मज्जुवरिंमि य वारस अड चउर जोयणे रुंदा । चालीसुच्चा जिणभवणभूसिया मेरुवरि चूला ||३५|| दारं (४) । पंचेव जोयणसए उडूं गंतूण पंचसयपिहुलं । नंदणवणं सुमेरुं परिक्खिवित्ता ठियं रम्मं ।। ३६ ।। बावट्ठी सहस्साइं पंचेव सयाई जोयणाणं तु । सोमणसं नाम वर्ण पंचसए होइ विच्छिन्नं ॥ ३७ ॥ सोमणसाओ तीसं छच्च सहस्से विलग्गिऊण गिरिं । विमलजलकुंडगहणं होइ वर्ण पंडगं सिहरे || ३८ || हेट्ठिमसहस्ससहिओ मेरुगिरी लक्खजायणपमाणो । चूला दुवीस उच्चा समयकेऊहिं निदिट्ठा ॥ ३९ ॥ इत्थं किल पिहुलतं वणसंडाणं न होइ गणियब्वं । उच्चत्ते पुण गणिए जोयणलक्खं हवइ मेरू ||४०|| (१०००००) दारं (५) पंचसए छवी से छच्च कला वित्थड भरवासं ५२६-५ । दस सय बावन्नाहिया बारस य कला य हिमवंते (१०५२-१२) । ४१ ।। हेमवए पंचहिया इगवीस सवाउ पंच य कलाओ । (२१०५-५) दसहिय बायाल सया दस य कलाओ महाहिमवे (४२१०-१० ) ।। ४२ ।। हरिवासे इगवीसा चुलसीइया कला य एक्का य (८४२१-१) । सोलस सहस्स अट्ठय बायाला से कला निसढे (१६८४२-२ ) ।। ४३ ।। तेत्तीस च सहस्सा छच्च सया जोयणाण चउसीया। चउरो य कलासु कला महाविदेहस्स विक्खंभो (३३६८४-४) ||४४|| भरहहिमवाइएसुं छट्ठाणेसुं कएस दुगुणेसुं । खिबिए विदेहमाणे जंबूदीवो हवइ लक्खं ॥ ४५॥ (१०००००) । जंबूद्वीप: दक्षिणवेदिकोत्तरवेदिकामध्ये लक्षः । दारं ( ६ ) || विजयाणं विक्खंभो बावीस सयाई तेरसहियाई । पंचसए वक्खारा For Private and Personal Use Only श्रीसिद्धान्त सारोद्धारः ।। ५५ ।।

Loading...

Page Navigation
1 ... 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133