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मकरण
समुच्चयः
५५ ॥
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गा० ९ ६०५०६ अं० ४९ दारं (३) । रयणमओ मेरुगिरी जोयणसहसं च भूमिगो होइ । नवनउई उब्विद्धो नाभिसमो सव्वलोयस्स ॥ ३१ ॥ मूले दस एक्कारसभागा नउया य जोयणसहस्सा । इस एसो विक्खंभो परिही पुण जोयणसहस्सा (१००९० भा०१०) ।। ३२ ।। इंगतीसं नव सय इस सहिया तिन्नि य इगारसा भागा (३१९१० । ३-११) भूविक्खंभो दस सहस्त (१००००) परिहि इगतीस सहसा उ ||३३|| छस्सय तेवीसहिया (३१६२३) सहसं पुण होइ उवरि विक्खंभो (१००० ) । परिही बावट्ठ सवं तिन्नेव य जोयण सहस्सा ॥ ३४ ॥ (जो ३१६२) । मूले मज्जुवरिंमि य वारस अड चउर जोयणे रुंदा । चालीसुच्चा जिणभवणभूसिया मेरुवरि चूला ||३५|| दारं (४) । पंचेव जोयणसए उडूं गंतूण पंचसयपिहुलं । नंदणवणं सुमेरुं परिक्खिवित्ता ठियं रम्मं ।। ३६ ।। बावट्ठी सहस्साइं पंचेव सयाई जोयणाणं तु । सोमणसं नाम वर्ण पंचसए होइ विच्छिन्नं ॥ ३७ ॥ सोमणसाओ तीसं छच्च सहस्से विलग्गिऊण गिरिं । विमलजलकुंडगहणं होइ वर्ण पंडगं सिहरे || ३८ || हेट्ठिमसहस्ससहिओ मेरुगिरी लक्खजायणपमाणो । चूला दुवीस उच्चा समयकेऊहिं निदिट्ठा ॥ ३९ ॥ इत्थं किल पिहुलतं वणसंडाणं न होइ गणियब्वं । उच्चत्ते पुण गणिए जोयणलक्खं हवइ मेरू ||४०|| (१०००००) दारं (५) पंचसए छवी से छच्च कला वित्थड भरवासं ५२६-५ । दस सय बावन्नाहिया बारस य कला य हिमवंते (१०५२-१२) । ४१ ।। हेमवए पंचहिया इगवीस सवाउ पंच य कलाओ । (२१०५-५) दसहिय बायाल सया दस य कलाओ महाहिमवे (४२१०-१० ) ।। ४२ ।। हरिवासे इगवीसा चुलसीइया कला य एक्का य (८४२१-१) । सोलस सहस्स अट्ठय बायाला से कला निसढे (१६८४२-२ ) ।। ४३ ।। तेत्तीस च सहस्सा छच्च सया जोयणाण चउसीया। चउरो य कलासु कला महाविदेहस्स विक्खंभो (३३६८४-४) ||४४|| भरहहिमवाइएसुं छट्ठाणेसुं कएस दुगुणेसुं । खिबिए विदेहमाणे जंबूदीवो हवइ लक्खं ॥ ४५॥ (१०००००) । जंबूद्वीप: दक्षिणवेदिकोत्तरवेदिकामध्ये लक्षः । दारं ( ६ ) || विजयाणं विक्खंभो बावीस सयाई तेरसहियाई । पंचसए वक्खारा
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श्रीसिद्धान्त सारोद्धारः
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