Book Title: Prakaran Samucchay
Author(s): Ratnasinhsuri
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

View full book text
Previous | Next

Page 67
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie CROSECSROG | तो एएण कमेण पढमेण ॥ १७० ॥ भारयइ पल्लो बीओ तेणवि तइओ उ तेणवि चउत्यो। भरणुद्धरणविकिरणं ता कज्जं जाव चउ पुन्ना सिद्धान्ता॥ १७१ ॥ भवंतीति शेषः ॥ पढमतिपल्लुद्धारया दीवुदही पल्लचउसरिसवा य । रूबूण एस रासी सव्वोऽवुकोससंखेज्जं ।। ७२ ॥ अणवहि द्धारः आइया ते पल्ला संपुन्नया य चत्तारि । रूवजुया य जहन्नं परित्तमसंखं तयं होइ ॥ ७३।। जं तं परितमसंखं जहन्नयं विवरिऊण पत्तेयं । एकेकोच्चिय रासी तावइओ चेव कायव्वो ।। ७४ । वग्गियसंवग्गियए परितमसखं परं अइकमियं । जुत्तासंखम्मि जहन्नगम्मि गंतूण तं पडियं, ॥ ७५ ॥ तत्तो रूवऽवहारे परित्तमसंखयं हवइ परमं । तट्ठाणाओ पच्छामुहाण सव्वाणि ठाणाणि ।। ७६ ।। मज्झिमपरित्तअस्संखयाणि | भन्नति जा असंखेज्ज। परितजहन्नं तं पुण पवन्नियं पुव्वगाहाए ॥७६।। जेत्तं जहन्नजुत्तं आवलियाए य एत्तिया समया । सइ वग्गियंमि संते | जुत्तासंखं अइक्कमियं ।। ७८ ॥ पडियमसंखासंखे जहन्नए रूवहीणयं तंपि । उक्कोसं जुत्तासंखगंति पुणरवि य तट्ठाणे ।। ७९ ॥ पच्छिममुहाई मझिमजुत्तासंखेज्जगाई भन्नति । जा जुत्तासंखेज्जं जहन्नगं जं पुरा भणियं ।। १८० ॥ तोऽसंखासखे जहन्नगस्स तियवारवग्गसंवग्गे । पक्खिविउं पक्खेवा लोगागासाइया दस उ ।। ८१ ॥ लोगागासपएसा १ धम्मा २ धम्मे ३ गजीवदेसा य ४ । दब्वट्ठिया निगोया ५] पत्तेया चेव बोद्धव्वा ६ ॥ ८२ ।। ठिइबंधावसाणा ७ अणुभागा ८ जोगछेयपलिभागा ९ । दोण्हं समाण समया १० असंखपक्खेवया | दस उ ॥ ८३ ॥ तो तिन्नि वार पच्छा वग्गियसंवग्गिओ इमो पडइ। अइक्कमिउं उकोसं परित्तणंते जहन्नाम्मि ||८४॥ तो तम्मि रूवूणे उक्कोसमसंखसंखयं होइ । मजिझमअसंखसंखं होइ उ जा पच्छिमजहन्नं ।।८५|| जहन्नपरित्तणंते वग्गियसंवग्गियांम संतम्मि । अइकमिउं उक्कोसे जुत्ताणते जहन्नम्मि ॥ ८६ ॥ जाइ तो रूवहाणी जा कज्जइ ताव होइ उक्कोसं । परितअणंतं पच्छामुहेसु सव्वेसु ठाणेसु ॥ ८७ ॥ माझि| मगपरित्ताणतयंति तं भन्नए मुर्णिदेहिं । जाव परित्ताणतं जहन्नगं पुवनिदिह ॥ ८८ ॥ जुत्ताणतजहन्ने अभब्वजीवावि एत्तिया चेव । सइ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133