Book Title: Pragnapana Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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प्रज्ञापना सूत्र
उदाहु अचरिमे य अवत्तव्वए य १५, उदाहु अचरिमे य अवत्तव्वयाइं च १६, उदाहु अचरिमाइंच अवत्तव्वए य १७, उदाहु अचरिमाइंच अवत्तव्वयाइं च १८, तइया चउभंगी।
भावार्थ - अथवा परमाणु पुद्गल १५. अचरम और अवक्तव्य हैं ? अथवा १६. एक अचरम और बहुअवक्तव्य रूप हैं? या १७. अनेक अचरम रूप और एक अवक्तव्य रूप हैं ? अथवा १८. अनेक अचरम रूप और अनेक अवक्तव्य रूप हैं ? यह तीसरी चौभंगी हुई॥३॥
उदाहु चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्यए य १९, उदाहु चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्वयाइं च २०, उदाहु चरिमे य अचरिमाइं च अवत्तव्बए य २१, उदाहु चरिमे य अचरिमाइंच अवत्तव्वयाइंच २२, उदाहु चरिमाइंच अचरिमे य अवत्तव्वए य २३, उदाह चरिमाइंच अचरिमे य अवत्तव्ययाइं च २४, उदाह चरिमाइंच अचरिमाइंच अवत्तव्वए य २५, उदाहु चरिमाइं च अचरिमाइं च अवत्तव्वयाइं च २६ । एवं एए . छव्वीसं भंगा।
गोयमा! परमाणु पोग्गले णो चरिमे, णो अचरिमे, णियमा अवत्तव्यए, सेसा भंगा पडिसेहेयव्या॥३५८॥
कठिन शब्दार्थ - पडिसेहेयव्वा - निषेध करना चाहिए।
भावार्थ - अथवा परमाणु पुद्गल १९. एक चरम, एक अचरम और एक अवक्तव्य है ? या २०. एक चरम, एक अचरम और बहुत अवक्तव्य रूप हैं ? अथवा २१. एक चरम, अनेक अचरम रूप और एक अवक्तव्य रूप है ? अथवा २२. एक चरम, अनेक अचरम रूप और अनेक अवक्तव्य हैं ? अथवा २३. अनेक चरम रूप, एक अचरम और एक अवक्तव्य है ? अथवा २४. अनेक चरम रूप, एक अचरम और अनेक अवक्तव्य हैं ? या २५. अनेक चरम रूप, अनेक अचरम रूप और एक अवक्तव्य है ? अथवा २६. अनेक चरम रूप, अनेक अचरम रूप और अनेक अवक्तव्य हैं ? इस प्रकार ये छब्बीस भंग होते हैं।
उत्तर - हे गौतम! परमाणु पुद्गल उपर्युक्त छब्बीस भंगों में से चरम नहीं, अचरम नहीं, किन्तु नियम से अवक्तव्य हैं। शेष तेईस भंगों का भी निषेध कर देना चाहिए।
विवेचन - परमाणु पुद्गल को लेकर चरम अचरम आदि के विषय में प्रश्न किया गया है। जिसका उत्तर अब आगे दिया जा रहा है। इन चरम, अचरम, अवक्तव्य को लेकर एकवचन बहुवचन
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